राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के नाम पर मची लूट

छापेमारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा, खुला काला चिट्ठा

राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के नाम पर मची लूट


लखनऊ15 जुलाई (एजेंसियां)। आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में कटौती और छूट के फर्जीवाड़े में शामिल नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी समेत कई राज्यों में 200 ठिकानों पर छापे मारे। छापे के दौरान कर छूट के फर्जीवाड़े में बहुराष्ट्रीय निगमों (एमएनसी)सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियोंकई सरकारी निकायोंशैक्षणिक संस्थानों और उद्यमों से जुड़े शीर्ष अधिकारी और कर्मचारी शामिल पाए गए।

आयकर विभाग ने यूपी के नोएडागाजियाबादमेरठवाराणसीअमरोहामुरादाबादगोंडा और सुल्तानपुर में छापे मारे। अधिकतर कार्रवाई विचौलियोंटैक्स अधिवक्ताओंचार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकानों पर की गईं। आयकर विभाग ने विभिन्न राज्यों में कई कार्यालयों और घरों पर छापे मारे। यह कार्रवाई कई स्रोतों और जमीनी स्तर से जुटाई गई खुफिया जानकारी मिलने के बाद की गई। इस अभियान को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई उपकरणों से हासिल वित्तीय आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद अंजाम दिया गया।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि हाल ही में विभाग की ओर से महाराष्ट्रतमिलनाडुदिल्लीगुजरातपंजाब व मध्य प्रदेश में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान विभिन्न समूहों व संस्थाओं की ओर से कर चोरीछूट धोखाधड़ी के दावों का खुलासा हुआ। जांच में कुछ आईटीआर तैयार करने वालों और बिचौलियों की ओर से संचालित संगठित रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। जिन्होंने फर्जी कटौती और छूट का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल किए। कुछ लोग अत्यधिक रिफंड का दावा करने के लिए झूठे टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) रिटर्न भी जमा करते पाए गए।

बोर्ड ने कहाजांच में मकान किराये भत्ते के तहत छूटराजनीतिक दलों को दिए गए चंदेशिक्षा ऋण पर व्याजचिकित्सा बीमाआवास ऋण पर ब्याज और इलेक्ट्रिक वाहन के नाम पर फर्जी कटौती का फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके अलावा धर्मार्थ या अनुसंधान संगठनों को दान और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए उपलब्ध छूट में बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का खुलासा हुआ।

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आयकर विभाग की टीम ने सुल्तानपुर के प्राथमिक शिक्षक राम जनम यादव को पकड़ा। इसके बाद कूरेभार ब्लॉक में कार्यरत शिक्षिका विमलेश को भी पूछताछ के लिए ले गई। दोनों से मोलनापुर में राम जनम के घर पर करीब आठ घंटे पूछताछ हुई। इस दौरान घर से आयकर रिटर्न दाखिल कराने के फर्जी कागजात भी मिले हैं। पता चला है कि शिक्षक करीब दो दशक से रिटर्न दाखिल करने वालों से सौदेबाजी करके फर्जी रिटर्न दाखिल कराकर कटौती की धनराशि वापस दिलाता था। वहींगोंडा में बेलसर रोड स्थित पूरे शिवा बख्तावर में इनकम टैक्स व जीएसटी के वकील के कार्यालय में 15 घंटे तक पड़ताल की गई।

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