राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उपयोग हो रहा देश का धन

साइबर अपराधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उपयोग हो रहा देश का धन

लखनऊ, 29 जुलाई (एजेंसियां)। देश को अस्थिर करने के लिए अब तक बाहर से पैसा आता थालेकिन अब साइबर अपराधियों की मदद से भारत का पैसा भारत के ही खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। देश विरोधी ताकतें दुबईसिंगापुरचीन और पाकिस्तान की मदद से नेपाल से सटे जिलों में स्लीपर सेल को वित्तीय मदद उपलब्ध करा रही हैं। रायबरेली के बाद बलरामपुर में सामने आए मॉड्यूल ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

अप्रैल में पता चला कि रायबरेली में चार साइबर अपराधियों की मदद से पाकिस्तान का रहीम उत्तर प्रदेश और बिहार के स्लीपर सेल को फंड मुहैया करा रहा है। इसके लिए उसने चार प्रदेशों में 150 से अधिक बैंक खाते खुलवाए। उन्हीं बैंक खातों से करीब 162 करोड़ रुपए दुबई और पाकिस्तान से भेजे गए। बदले में साइबर अपराधियों को सात से आठ प्रतिशत कमीशन दिया। बाद में उन्हीं खातों से पैसे बाहर भी भेजे।

अब बलरामपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बिहारतमिलनाडुपश्चिम बंगाल व झारखंड में भी बैंक खाते खुलवाए। वहां से रुपए निकालकर बिहार के मधुबनीसीतामढ़ीदरभंगा व समस्तीपुर के युवाओं के खाते में भेजा। इन युवाओं का जुड़ाव स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) व इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से भी मिला। कुछ रकम नेपाल के सीमावर्ती जिले लखीमपुर खीरीश्रावस्तीबहराइचपीलीभीतसिद्धार्थनगर व महराजगंज के बैंक खातों में भी जमा कराई।

पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह का कहना है कि स्लीपर सेल को फंड मुहैया कराने में साइबर अपराधियों की मदद ली जा रही है। अब तक बाहर से पैसा देश में आता था लेकिन अब यहां से पैसा बाहर जा रहा है। फिर वही पैसा लौटकर देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। रायबरेली और बलरामपुर जैसे साइबर अपराधियों का नेटवर्क सुरक्षा के लिए घातक है।

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