ईडी ने पूर्व मंत्री समेत आठ ठिकानों पर मारा छापा है
तेलंगाना के 1000 करोड़ के भेड़पालन घोटाले में कार्रवाई
हेडिंगः
दराबाद, 30 जुलाई (एजेंसियां)। बीआरएस सरकार के कार्यकाल में हुए 1000 करोड़ के भेड़पालन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तेलंगाना में बड़ी कार्रवाई कर रहा है। ईडी ने बीआरएस सरकार के कार्यकाल में हुए करोड़ों के भेड़ पालन और वितरण घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज कर दी है। इसके तहत हैदराबाद में कई जगहों पर छापेमारी की गई।
पिछली बीआरएस सरकार के कार्यकाल में हुए भेड़पालन घोटाले के सिलसिले में हैदराबाद में आठ जगहों पर ईडी की छापेमारी जारी है। ईडी अधिकारी के मुताबिक, छापे उन लोगों के ठिकानों पर मारे गए हैं, जिन पर सरकारी योजना के धन की हेराफेरी करने का संदेह है। बीआरएस सरकार में मंत्री रहे तलसानी श्रीनिवास यादव के ओएसडी जी कल्याण के अलावा घोटाले में शामिल लाभार्थियों, कथित बिचौलियों से जुड़े शहर में कम से कम आठ ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी की जा रही है। जांच कुछ राज्य पुलिस की एफआईआर पर आधारित है।
ईडी ने पाया कि कैग की ऑडिट रिपोर्ट केवल सात जिलों (तेलंगाना के 33 में से) तक सीमित है, जहां राज्य सरकार को इस घोटाले से अनुमानित नुकसान 253.93 करोड़ रुपए आंका गया। तेलंगाना के सभी 33 जिलों के लिए आनुपातिक आधार पर नुकसान 1,000 करोड़ रुपए से अधिक होने की आशंका है। ईडी ने पाया है कि दर्ज एफआईआर में घोटाले की रकम केवल 2.1 करोड़ रुपए बताई गई, लेकिन सीएजी की एक रिपोर्ट में राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान बताया गया है। कैग की ऑडिट रिपोर्ट में प्रमुख भेड़ पालन विकास योजना (एसआरडीएस) के कार्यान्वयन में कई अनियमितताएं पाई गईं। इनमें लाभार्थीवार विवरण का रखरखाव न करना, परिवहन चालान और भुगतान से संबंधित चालानों का अनुचित रिकॉर्ड, यात्री वाहन या गैर-परिवहन वाहन पंजीकरण संख्या वाले चालानों के विरुद्ध भुगतान और भेड़ इकाइयों को आवंटित डुप्लिकेट टैग आदि शामिल हैं। मृत या अस्तित्वहीन व्यक्तियों को आवंटित भेड़ इकाइयों से संबंधित आरोपों की भी ईडी की ओर से जांच की जा रही है।