आरक्षण पर चर्चा के बहाने बैठक में दलित सीएम का फिर रोना 

आरक्षण पर चर्चा के बहाने बैठक में दलित सीएम का फिर रोना 

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| जहाँ मुख्यमंत्री सिद्धरामैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार दिल्ली दौरे पर हैं, वहीं अनुसूचित जाति के मंत्रियों और विधायकों का बेंगलूरु में एक अलग बैठक करना बेहद दिलचस्प है| गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के घर शाम को अनुसूचित जाति के विधायकों और मंत्रियों की एक अहम बैठक हुई और इसमें आंतरिक आरक्षण पर चर्चा हुई|
 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, राज्य सरकार आंतरिक आरक्षण लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है| इस संबंध में पर्याप्त आँकड़े एकत्र करने के लिए न्यायमूर्ति एच.एन. नागामोहनदास के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है| आयोग ने घर-घर जाकर और ऑनलाइन सर्वेक्षण के माध्यम से आँकड़े एकत्र किए हैं और बाद में इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है| बेंगलूरु में यह सर्वेक्षण पूरी तरह से नहीं किया गया है| ३५ प्रतिशत से ज्यादा आबादी ने आँकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं, इस पर आपत्ति है| इससे पहले, न्यायमूर्ति सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को लेकर भी इसी तरह की आलोचनाएँ हुई थीं|
 
अब, इस बात पर विवाद है कि न्यायमूर्ति नागामोहनदास की रिपोर्ट के बारे में अधूरी जानकारी एकत्र की गई है| इस संदर्भ में, बताया जा रहा है कि विधायकों को पूरी जानकारी देने और उन्हें तथ्यों से अवगत कराने के लिए बैठक हुई है| आंतरिक आरक्षण लागू करना कांग्रेस सरकार की प्रतिबद्धता है| लेकिन इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल के विधायकों में आम सहमति का अभाव है| इस कारण, आने वाले दिनों में किसी को भी विधायकों के रूप में मंत्रियों की खुलकर आलोचना नहीं करनी चाहिए| बताया जा रहा है कि सिद्धरामैया परमेश्वर को अनावश्यक बयानबाजी न करने के संदर्भ में उन्हें तथ्यों से अवगत कराने की जिम्मेदारी दी गई है|
 
बैठक में निगम-मंडलों की नियुक्ति में देरी, विधान परिषद सदस्यों के चयन और विभिन्न राजनीतिक पदों पर चर्चा हुई| अनुसूचित जाति के विधायकों और मंत्रियों की बैठक पूर्व नियोजित थी, और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बेंगलूरु में अनुपस्थिति का इस समय बैठक होने से कोई लेना-देना नहीं है| कांग्रेस नेताओं ने इस बारे में अनावश्यक अफवाहें न फैलाने की अपील की है| बैठक में राजनीतिक पदों पर आ रही समस्याओं पर चर्चा हुई| लेकिन सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह कोई विद्रोह या असंतोष नहीं होगा| ऐसी व्याख्याएं हैं कि खुद को अगला मुख्यमंत्री बता रहे परमेश्वर आरक्षण के बहाने नेतृत्व का राग अलापते हुए अलग बैठक कर रहे हैं|