गिरोह तक बैंक से नहीं, हवाला से पहुंचते थे पैसे
धर्मांतरण गिरोह के सरगना ने खोले कई राज
आगरा, 03 अगस्त (ब्यूरो)। धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड ने पुलिस रिमांड में कई चौंकाने वाले राज बताए हैं। सरगना ने पुलिस को बताया कि गिरोह के सदस्यों तक रकम पहुंचाने के लिए बैंक खातों का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। अवैध धर्मांतरण का पूरा रैकेट हवाला से चल रहा था। छह राज्यों में फैले एजेंट गिरोह से जुड़े लोगों को रकम पहुंचाया करते थे। पुलिस को ऐसे कई नाम मिले हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दिल्ली के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को पुलिस ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। उसकी चार दिन की रिमांड फिर मांगी। इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब वह 5 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर रहेगा।
18 जुलाई को पुलिस ने सदर की दो बहनों को कोलकाता के तपसिया इलाके से बरामद किया था। अलग-अलग राज्यों के रहने वाले 10 आरोपी भी पकड़े गए थे। बाद में दिल्ली के मुस्तफाबाद निवासी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया था। वह जेल में सजा काट रहे कलीम सिद्दीकी के लिए काम कर रहा था। गिरफ्तार आरोपियों में गोवा की रहने वाली एसबी कृष्णा उर्फ आयशा और आगरा निवासी रहमान कुरैशी गिरोह के लिए मुख्य रूप से काम कर रहे थे। तीनों से पुलिस ने अलग-अलग रिमांड पर पूछताछ की है। इसमें कई जानकारी हाथ लगी हैं। पता चला कि अवैध धर्मांतरण गिरोह को पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों से भी फंडिंग की जा रही थी। यह रकम खातों में न आकर हवाला के माध्यम से एजेंट धर्मांतरण करने वाले आरोपियों तक पहुंचाया करते थे। पुलिस को 10 से अधिक खातों की जानकारी मिली है। वहीं दिल्ली उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, पश्
अब्दुल रहमान से रिमांड पर अब पुलिस इन सभी एजेंटों के बारे में जानकारी लेगी। जिससे हवाला के माध्यम से रकम पहुंचाने वालों को पकड़ा जा सके। उन पर शिकंजा कसा जा सके। पुलिस ने गिरोह के लिए काम करने के आरोप में गोवा की आयशा और आगरा के सराय ख्वाजा के रहने वाला रहमान कुरैशी को पकड़ा था। पुलिस को आशंका है कि दोनों गिरोह के सदस्यों को रकम पहुंचाने का काम करते थे। रहमान कुरैशी ने फलस्तीन के लिए फंड भी इकट्ठा किया था।