एनआईए की छापेमारी में फोन, सिम, मेमोरी कार्ड और दस्तावेज बरामद
सुहास शेट्टी हत्याकांड मामला
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मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बाजपे में बदमाश सुहास शेट्टी की हत्या की चल रही जाँच के तहत, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने शनिवार शाम को दक्षिण कन्नड़ के बाजपे और सूरतकल, और हासन व चिक्कमगलूरु जिलों में कई जगहों सहित लगभग १८ स्थानों पर एक साथ छापे मारे| २५ से ज्यादा अधिकारियों ने कई टीमें बनाकर बाजपे के शांतिगुड्डे, तारिकम्बला, किन्नीपदावु, कलावारु और सूरतकल के चोक्काबेट्टू और कृष्णपुरा जैसे स्थानों की तलाशी ली|
उन्होंने घटना के समय के वायरल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ भी की| सूत्रों का कहना है कि मामले से जुड़ी अहम जानकारियाँ हासिल हुई हैं| अधिकारियों ने हत्या स्थल के पास एक अपार्टमेंट का कई घंटों तक निरीक्षण किया| पुलिस जाँच के दौरान पहले ही पता चला था कि आरोपी ने इस अपार्टमेंट में एक घर किराए पर लिया था और कथित तौर पर हत्या की योजना बनाते हुए कई महीनों तक वहीं रहा था| बताया जा रहा है कि अपराध का पूरा सीसीटीवी फुटेज इसी जगह से लिया गया था|
आरोपियों के अलावा, कथित तौर पर उनके संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों के घरों पर भी छापे मारे गए| शांतिगुड्डे के स्थानीय निवासियों ने अचानक छापेमारी का विरोध किया, जिसके बाद एनआईए अधिकारियों के साथ उनकी बहस हुई| १ मई की रात, बाजपे के किन्नीपदावु में एक टेंपो और कार की टक्कर के बाद हमलावरों ने उन पर तलवारों से हमला कर दिया| पुलिस ने इस मामले में सीधे तौर पर शामिल लोगों और उनके सहयोगियों सहित १२ लोगों को गिरफ्तार किया था| जाँच से पता चला कि सुहास शेट्टी की हत्या दो साल पहले सूरतकल में हुई फाजिल की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी|
पुलिस के अनुसार, फाजिल की हत्या में उसके भाई और साथी भी शामिल थे| प्रतिबंधित पीएफआई संगठन की संदिग्ध संलिप्तता, उनकी कथित गैरकानूनी सभा, जनता में भय पैदा करने के इरादे से की गई गतिविधियों और एक बड़ी साजिश की संभावना के कारण, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ७ जून को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम, २००८ के तहत मामला एनआईए को हस्तांतरित कर दिया| भाजपा नेताओं ने हत्या के पीछे विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया था| राज्य सरकार की मंजूरी के बिना मामला एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया|
इसके बाद, एनआईए ने पुलिस से मामले से संबंधित जानकारी प्राप्त की और आठ प्रमुख आरोपियों से उनके वित्तीय स्रोतों, पृष्ठभूमि और संगठनात्मक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूछताछ की| एनआईए ने पहले भाजपा के युवा नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या की जाँच की थी, जिनकी २२ जुलाई, २०२२ को कथित तौर पर सांप्रदायिक द्वेष के कारण हत्या कर दी गई थी| ४ अगस्त, २०२२ को एनआईए को सौंपी गई जाँच में २३ लोगों की गिरफ्तारी हुई और दो महीने पहले ही २६ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया| नेट्टारू हत्याकांड की तरह ही, भाजपा नेताओं और सांसद कैप्टन बृजेश चौटा ने चिंता जताई थी कि सुहास शेट्टी की हत्या भी एक सुनियोजित और संगठित हमला था| उन्होंने केंद्र सरकार से मामले की जाँच एनआईए को सौंपने का आग्रह किया था, जो बाद में कर दी गई|