2017 से पहले भर्तियों पर हावी था भ्रष्टाचारः योगी

 सीएम ने पुलिस दूरसंचार में चयनित 1,494 अभ्यर्थियों को दिए नियुक्ति पत्र

2017 से पहले भर्तियों पर हावी था भ्रष्टाचारः योगी

मुख्यमंत्री ने कहा, फिर होने जा रही 30 हजार भर्ती

लखनऊ03 अगस्त (ब्यूरो)। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में होने वाली भर्तियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हावी था। उस दौरान पैसों का लेन-देनबोली और भेदभाव ने नौजवानों के भविष्य को अंधकारमय बना दिया था। इसका सीधा असर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर पड़ा। इससे दंगेअराजकतागुंडागर्दीआतंकी घटनाएं बढ़ गईं और जनता में असुरक्षा का माहौल बन गया। कभी अयोध्याकाशी और लखनऊ की कचहरी में हमले होते थे तो कभी आतंकी हमले। इस दौरान सीआरपीएफ कैंप रामपुर को भी निशाना बना गया। वहीं वर्ष 2017 में डबल इंजन की सरकार बनने पर सबसे पहले भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए बड़े कदम उठाए गए। इसके तहत पुलिस भर्ती बोर्ड का सुदृढ़ीकरण किया गया। इसी का परिणाम है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पुलिस की भर्ती और सरकारी नौकरी देने वाले राज्यों में पहले स्थान पर है। अब तक हमारी सरकार साढ़े आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान कर चुकी हैजो पूरे देश में सबसे बड़ा आंकड़ा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित यूपी पुलिस दूरसंचार विभाग में चयनित 1,494 सहायक परिचालकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में कही। इस दौरान सीएम ने चयनित कई अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र वितरित किए।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में जो ऐतिहासिक बदलाव आए हैंवे सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं हैंबल्कि एक नई पहचानसुरक्षा और विश्वास का प्रतीक बन चुके हैं। वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस में 2 लाख 17 हजार 500 से अधिक कार्मिकों की निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती की जा चुकी हैजो देश में सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी सरकार बनीतो सबसे पहले भर्ती बोर्ड को मजबूत करने का काम किया गया। यह तय किया गया कि यदि किसी ने नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया तो जिम्मेदारी तय की जाएगी। आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया नजीर बन गयी है।सीएम ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आने के बाद निवेश भी बढ़ाजिससे करीब 2 करोड़ युवाओं को अपने जिले में ही रोजगार के अवसर मिले। वहीं नहीं आउटसोर्सिंगटेक्नोलॉजी और नीति-निर्माण के सहयोग से उत्तर प्रदेश देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वर्ष 2017-18 में पहली भर्ती हुई तो ट्रेनिंग क्षमता बेहद सीमित थीलेकिन अब राज्य में 60,244 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग की व्यवस्था उत्तर प्रदेश पुलिस के ही ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में की जा रही है। पहले जहां सिर्फ 3,000 कार्मिकों की ट्रेनिंग हो पाती थीआज वही संख्या 60 हजार के पार पहुंच गई है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में पुलिस लाइनपुलिस मुख्यालय और आवासीय सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी जिले में सबसे ऊंचा और बेहतर भवन पुलिस का बैरक होता है। प्रदेश के 10 जिलों में जहां पहले पुलिस लाइन नहीं थीवहां नए पुलिस लाइन और मुख्यालय बनाए गए हैं। वर्ष 1971-72 से लंबित पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को डबल इंजन की सरकार ने लागू किया। अब तक 7 नए पुलिस कमिश्नरेट बनाए गए हैंजिससे पुलिसिंग में आधुनिकता और जवाबदेही दोनों बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश पुलिस एक मॉडल फोर्स बन चुकी हैजो दंगा मुक्तअराजकता मुक्त और सुरक्षित प्रदेश की पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की संवेदनशीलता और तत्परता का उदाहरण महाकुंभ जैसे आयोजन में देखने को मिलाजहां पुलिस के समर्पण और व्यवहार ने इसे सफल बनाया। उन्होंने पुलिस बल को याद दिलाया कि जनता की नजर सिर्फ उनके कार्य नहींबल्कि उनके व्यवहार पर भी होती है। वहीं पुलिस विभाग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इसी के तहत टेलीकॉम विभाग में चयनित 1,494 अभ्यर्थियों में करीब 300 बेटियों का चयन हुआ है। वहीं आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में अग्निवीर को 20 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का निर्णय किया गया है। इससे प्रशिक्षित और अनुशासित युवा पुलिस बल का हिस्सा बन सकेंगे। सीएम ने महाकुंभ में दूरसंचार विभाग के उत्कृष्ट कार्यों का प्रशंसा करते हुए कहा कि संचार व्यवस्था किसी भी पुलिस फोर्स की रीढ़ होती है। 25 करोड़ की आबादी वाला प्रदेश में कम्युनिकेशन और टेलीकॉम पुलिस की जिम्मेदारी कहीं कम नहीं होती। उन्होंने कुंभ के दौरान टेलीकॉम पुलिस के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की और टेक्नोलॉजी को पुलिसिंग का अनिवार्य अंग बताया। सीएम ने कहा कि आज जब भारत आजादी के अमृतकाल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैतो पुलिस को भी उतना ही संवेदनशील और सख्त दोनों होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हर दस साल में पीढ़ी बदलती है और हमें इस नई पीढ़ी के सामने एक सुरक्षितपारदर्शी और समर्थ उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करनी होगीजिसमें पुलिस बल एक प्रेरणास्रोत बनकर खड़ा हो। इस अवसर पर मंत्री सुरेश खन्नाप्रमुख सचिव गृह संजय प्रसादडीजीपी राजीव कृष्णडीजी टेलीकॉम आशुतोष पांडेयडीजी भर्ती बोर्ड एसडी शिरोडकरडीजी पीएचक्यू आनंद स्वरूप आदि मौजूद थे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा ने सीएम को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।

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