हलफनामा दें या माफी मांगें, तीसरा कोई रास्ता नहीं

राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दी सार्वजनिक चुनौती

 हलफनामा दें या माफी मांगें, तीसरा कोई रास्ता नहीं

वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल संविधान का अपमान

मतदाता हों या चुनाव आयोग, झूठे प्रलापों से नहीं डरते

नई दिल्ली, 17 अगस्त (एजेंसियां)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर लगाए जा रहे आरोपों पर आज मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी को खुली चुनौती दी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर कहा कि राहुल गांधी झूठे हैं। वे अपने आरोपों को शपथपत्र के जरिए औपचारिक रूप से चुनाव आयोग को दें, या अपने झूठ के लिए देश से माफी मांगें। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, राहुल गांधी के सामने और कोई तीसरा रास्ता नहीं है।

बिहार में वोट चोरी के विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि न तो चुनाव आयोग और न ही मतदाता ऐसे झूठे आरोपों से डरते हैं। बिहार एसआईआर के बाद संवैधानिक निकाय की ओर से आयोजित यह पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इसमें ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला और उनके आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, सिर्फ पीपीटी दिखाने सेवो भी जिसमें आंकड़े चुनाव आयोग के नहीं हैंझूठ सच नहीं हो जाता। आपको सबूत देना होगा। उन्होंने राहुल गांधी को सीधी चेतावनी दी कि वे हलफनामा दें या देश से माफी मांगेंतीसरा कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सात दिन में हलफनामा नहीं दिया तो आरोप निराधार मान लिए जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार एसआईआर की कवायद में जल्दबाजी के आरोप पर कहा, कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं कि एसआईआर की कवायद इतनी जल्दी क्यों की जा रही हैआप बताइए कि मतदाता सूची को चुनाव से पहले दुरुस्त करना चाहिए या बाद मेंऐसे में चुनाव आयोग अपना काम ही कर रहा है। जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि आपको हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को दुरुस्त करना होगा। यह चुनाव आयोग की कानूनी जिम्मेदारी है। फिर सवाल उठा कि क्या चुनाव समिति बिहार के सात करोड़ से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच पाएगीसच्चाई यह है कि यह काम 24 जून को शुरू हुआ था। पूरी प्रक्रिया लगभग 20 जुलाई तक पूरी हो गई थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ-साफ कहा, राहुल गांधी और विपक्ष चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहा है। ऐसे झूठे आरोपों से चुनाव आयोग डरने वाला नहीं है। पिछले दो दशकों से लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने बिहार से विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत की। एसआईआर की प्रक्रिया में सभी मतदाताओंबूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंटउम्मीदवारों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार में मसौदा सूची जब से तैयार की जा रही थीतभी से इसे सभी राजनीतिक दलों के बीएलए से हस्ताक्षर करा सत्यापित कराया गया। इसमें आने वाली त्रुटि को ठीक करने के लिए सभी राजनीतिक दल और मतदाता अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर में त्रुटि हटाने के लिए अभी भी 15 दिनों का समय बाकी है। हम सभी दलों और बीएलए से अपील करते हैं कि आने वाले 15 दिनों में सूची में त्रुटि को फॉर्म भरकर बताएं। जमीनी स्तर पर सभी बीएलओबीएलए और मतदाता मिलकर काम कर रहे हैं।

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहाचुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से सदैव खुले हैं। जमीनी स्तर पर सभी मतदातासभी राजनीतिक दल और सभी बूथ स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। सत्यापन कर रहे हैं। हस्ताक्षर कर रहे हैं। वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनकी ओर से नामित बीएलओ के ये सत्यापित दस्तावेजप्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। सच्चाई यह है कि कदम दर कदम सभी पक्ष बिहार के एसआईआर को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए प्रतिबद्धप्रयासरत और मेहनत कर रहे हैं। जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैंतो न तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्नचिन्ह लगाया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने शपथपत्र पर अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन नहीं दिया और वोट चोरी जैसे गलत शब्दों के इस्तेमाल पर जनता के समक्ष खेद जाहिर नहीं किया तो यह गलत होगा और यह संविधान का सीधा अपमान होगा। ऐसे बेबुनियाद आरोपों पर जब उनसे सबूत मांगे गए तो कोई जवाब नहीं दिया। मतदाताओं के तस्वीरों का इस्तेमाल बिना उनकी इजाजत के किया गयायह लोकतंत्र का अपमान नहीं तो और क्या है। ऐसे बेबुनियाद आरोपों से चुनाव आयोग डरने वाला नहीं है। ज्ञानेश कुमार ने कहारिटर्निंग ऑफिसर की ओर से नतीजे घोषित करने के बाद भी कानून में यह प्रावधान है कि 45 दिनों की अवधि के भीतर राजनीतिक दल कोर्ट जाकर चुनाव को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं। इस 45 दिनों की अवधि के बाद इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगानाचाहे वह केरल होकर्नाटक हो या बिहार। जब चुनाव के बाद की वह 45 दिन की अवधि समाप्त हो जाती है और उस अवधि के दौरान किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को कोई अनियमितता नहीं मिलती हैतो आज इतने दिनों के बाद देश के मतदाता और जनता ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाने के पीछे की मंशा समझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जहां तक मशीन-पठनीय मतदाता सूची का सवाल है तो सुप्रीम कोर्ट 2019 में ही कह चुका है कि यह मतदाता की निजता का उल्लंघन हो सकता है। हमें मशीन-पठनीय मतदाता सूची और खोज योग्य मतदाता सूची के बीच के अंतर को समझना होगा। आप चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध मतदाता सूची को एपिक नंबर डालकर खोज सकते हैं। इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं। इसे मशीन-पठनीय नहीं कहा जाता। मशीन-पठनीय के संबंध में 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विषय का गहन अध्ययन किया और पाया कि मशीन-पठनीय मतदाता सूची देने से मतदाता की निजता का उल्लंघन हो सकता है। मशीन-पठनीय मतदाता सूची प्रतिबंधित है। चुनाव आयोग का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और 2019 का है।

हमें जनता का आशीर्वाद मिला, कुछ लोगों को यह पच नहीं रहा

नई दिल्ली, 17 अगस्त (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के एक कार्यक्रम में विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश के लोगों का भरपूर आशीर्वाद भाजपा को मिला है, यह विपक्ष को पच नहीं रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भाजपा की सरकारें दिल्ली के साथ-साथ चारों तरफ हैं। यह दिख रहा है कि जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है। यही आशीर्वाद कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वे जनता से दूर हो चुके हैं। जमीन से दूर हो चुके हैं। इसी वजह से उनकी बौखलाहट सड़कों पर दिख रही है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज का भारत क्या सोच रहा हैउसके सपने और संकल्प क्या हैं, ये सब कुछ आज पूरी दुनिया अनुभव कर रही है। देश के लोग और पूरी दुनिया यह देखती है कि पिछली सरकारों ने राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश को किस तरह बर्बाद किया। देश को एक तरह से गड्ढे में गिराने का काम कर रहे थे। भाजपा ने अथक प्रयास करके इसे बाहर निकाला है। ये संयोग भी पहली बार बना है कि दिल्लीहरियाणाउत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों में चारों तरफ भाजपा की सरकार है। यह दिखाता है कि इस पूरे क्षेत्र के लोगों का कितना आशीर्वाद भाजपा को और हम सभी को मिला है। इसलिए हम अपना दायित्व समझकर विकास में जुटे हैं। हालांकिकुछ राजनीतिक दल हैंजो जनता के इस आशीर्वाद को अभी भी पचा नहीं पा रहे हैं। वो जनता के विश्वास और जमीनी सच्चाई दोनों से बहुत कट चुके हैं।

उन्होंने कहादिल्ली में हमारे जो स्वच्छता मित्र हैंवो सभी बहुत बड़ा दायित्व निभाते हैंलेकिन पहले की सरकारों ने इन्हें भी जैसे अपना गुलाम समझ रखा था। ये जो लोग सिर पर संविधान रखकर नाचते हैंये संविधान को कैसे कुचलते थेये बाबा साहेब की भावनाओं को कैसे दगा देते थेआज मैं वो सच्चाई आपको बता रहा हूं।

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