एसआईआर का नतीजा, पकड़ी गईं पाकिस्तानी महिलाएं
बांग्लादेशी ही नहीं, पाकिस्तानी भी हैं बिहार में वोटर
पाकिस्तानियों के वोटर आईडी और आधार कार्ड भी मिले
पटना, 25 अगस्त (एजेंसियां)। जिस वोटर लिस्ट रिवीजन (एसआईआर) को लेकर विपक्ष हंगामा खड़ा कर रहा है। उसी प्रक्रिया के दौरान बिहार के भागलपुर में अवैध रूप से रह रही दो औरतों को पकड़ा गया है। पाकिस्तान की इमराना खानम और फिरदौसिया खानम 1956 से ही भारत में छिपकर रह रही थीं। उनके पास आधार कार्ड भी मिले हैं। दोनों औरतें पाकिस्तान के पासपोर्ट पर साल 1956 में भारत आई थीं। इमराना खानम तीन साल के वीजा और फिरदौसिया तीन महीने के वीजा पर भारत में घुसी थी। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक दोनों ही औरतों ने वीजा को नवीनीकरण कराए बिना भारत में अवैध ढंग से रहना जारी रखा।
यह मामला बिहार में एसआईआर के तहत मतदाता सूची की जांच में सामने आया। प्रक्रिया में नागरिकता की भी जांच की जा रही है। दोनों पाकिस्तानी औरतों का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल है, जिसे गृह मंत्रालय ने हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय ने 11 अगस्त 2025 को दोनों पाकिस्तानी औरतों के नाम मतदाता सूची से हटाने को लेकर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। इसकी जानकारी देते हुए बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) फरजाना खानम ने कहा, मुझे लेटर मिला है, जिसमें इमराना खानम का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर हैं। वे काफी उम्रदराज हैं और बीमार रहती हैं। बीएलओ ने कहा, मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक मतदाता सूची से औरतों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इमराना खानम का पासपोर्ट 1956 का है। अब इस मामले में विभाग आगे की जांच करेगा।
भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भी वोटर लिस्ट में दो पाकिस्तानी औरतों के नाम शामिल होने की पुष्टि की। जिलाधिकारी ने कहा, जिले में 24 लाख मतदाता हैं। बीएलओ ने हर बूथ पर वेरिफिकेशन किया है। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया में भारत में अवैध रूप से रह रही दो पाकिस्तानी औरतों को पकड़ा गया है। इससे साबित होता है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) कितनी जरूरी प्रक्रिया है। वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। इस मामले से विपक्ष के एसआईआर के खिलाफ फैलाए गए सभी प्रोपेगेंडा धराशायी हो गए हैं।
अभी तक यह समझा जा रहा था कि यहां सिर्फ बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं लेकिन भागलपुर में कुछ पाकिस्तानी भी लंबे समय से रह रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन लोगों ने सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर ली है। भागलपुर जिले में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान पता चला कि पाकिस्तान से आईं दो महिलाओं के नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं। खास बात यह है कि दोनों महिलाओं के पास आधार और वोटर आईडी कार्ड भी मौजूद हैं और उन्होंने कई बार मतदान भी किया है। मामला सामने आने के बाद गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके नाम मतदाता सूची से हटाने का आदेश दिया। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन ने बीएलओ के माध्यम से फॉर्म-7 भरकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। इस दौरान सभी मतदाताओं को अपना पहचान और जन्म प्रमाण पत्र निर्वाचन विभाग को देना है। इस क्रम में उनके दस्तावेजों की जांच भी की जा रही है। निर्वाचन विभाग ने जब इनके दस्तावेजों की जांच की तो उन्हें संदेह हुआ। निर्वाचन विभाग ने इनके बारे में जानकारी प्राप्त करने का आदेश जिला के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक और निर्वाचन पदाधिकारी को दिया। इस जांच में यह तथ्य सामने आया कि ये दोनों महिलाएं भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले के टैंक लेन, गुमटी नंबर-3 में रहती हैं। एक का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून पति मोहम्मद इब्तुल हसन है, जबकि दूसरी फिरदौसिया खानम उर्फ फिरदौसिया खातून पति मोहम्मद तफजील अहमद है। दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं। बताया जा रहा है कि फिरदौसिया जनवरी 1956 में तीन महीने के वीजा पर भारत आई थी। वहीं, इमराना उसी साल तीन साल के वीजा पर भारत पहुंची। वीजा अवधि खत्म होने के बाद दोनों ने भारत में अवैध रूप से रहना शुरू कर दिया और स्थानीय लोगों से शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने आधार और मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया। दोनों ने वर्षों तक मतदान भी किया।
इमराना खातून सरकारी स्कूल में शिक्षिका भी है। वह 1 जुलाई तक स्कूल भी गई है लेकिन भेद खुलने के डर से वह अब लापता है। इसी प्रकार का एक मामला पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदननगर में भी मिला था। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जब घुसपैठियों की तलाश शुरू हुई थी तो चंदननगर इलाके से पाकिस्तानी महिला फातिमा बीवी को गिरफ्तार किया गया था। वह 1980 में अपने पिता के साथ टूरिस्ट वीजा पर आई थी। 1982 में उसने चंदननगर के ही एक बेकरी मालिक मुजफ्फर मल्लिक से शादी कर ली। मुजफ्फर मल्लिक ने गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि उसकी पत्नी चंदन नगर नगर पालिका के वार्ड नंबर 12 की .वोटर हैं। उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे सभी दस्तावेज मिले थे।
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