वैष्णो देवी में हिमस्खलन से 10 श्रद्धालुओं की मौत
जम्मू कश्मीर में भारी बारिश और बादल फटने से भयानक तबाही
डोडा में भी बादल फटने से पांच लोगों की मौत हुई
कई पुल टूटे, ट्रेनें रद्द, बिजली, इंटरनेट सब ठप्प पड़े
शुभ-लाभ ब्यूरो
जम्मू, 26 अगस्त। भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की कई घटनाओं के कारण प्रदेश में 10 लोगों की मौत हो गई है। इनमें वैष्णो देवी के 5 श्रद्धालु भी शामिल हैं। वैष्णो देवी में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। डोडा में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हुई है। कई पुल टूट गए हैं। सड़कें बह गई हैं। सभी ट्रेनें स्थगित कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर भारी बारिश के कारण त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले मार्ग पर भूस्खलन हो गया, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए। गैर सरकारी सूचना के मुताबिक मरने वालों की संख्या 15 से अधिक हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई। अर्ध कुमारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास बचाव अभियान जारी है, जहां दोपहर करीब 3 बजे भूस्खलन हुआ था। पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में यह आपदा आई।
हिमकोटि ट्रैक मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक पुराने मार्ग पर यात्रा जारी थी, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया। जम्मू क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण उत्तर रेलवे ने मंगलवार को कटरा, उधमपुर और जम्मू रेलवे स्टेशनों से आने-जाने वाली 18 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। जम्मू क्षेत्र में सोमवार रात से दशकों में सबसे भारी बारिश हो रही है, जिससे पुल क्षतिग्रस्त हो गए, सड़क सम्पर्क बाधित हो गया और बड़े भूभाग जलमग्न हो गए, जिससे लोगों को सुरक्षित इलाकों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात रोक दिया गया है। दर्जनों पहाड़ी सड़कें भूस्खलन या अचानक आई बाढ़ के कारण अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एहतियात के तौर पर माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी रोक दी गई है। डोडा में बादल फटने और भारी बारिश के कारण पांच लोगों की मौत हो गई। सम्पत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। दो लोगों की मौत घर गिरने से हुई, जबकि दो अन्य की मौत लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ में हुई। कई इलाकों में आवासीय ढांचों और अन्य सम्पत्तियों को काफी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है और बचाव एवं राहत अभियान जारी है।
जम्मू कश्मीर में सभी दरिया और नदियां खतरे के निशान को पार चुकी हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए कई स्थानों पर लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। उधमपुर में भी तवी नदी का जलस्तर निकासी के निशान से ऊपर पहुंच जाने के बाद मंगलवार सुबह अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया। सुबह 9.15 बजे, उधमपुर में जलस्तर 24.975 फीट दर्ज किया गया, जो निकासी के स्तर 23.4 फीट से काफी ऊपर था। स्थिति चिंताजनक हो गई है क्योंकि नदी पहले ही 20 फीट के खतरे के निशान को पार कर चुकी है और सुरक्षित सीमा से तेजी से बढ़ रही है। अलर्ट स्तर 15 फीट है, जो दर्शाता है कि वर्तमान प्रवाह सभी सीमाओं को पार कर गया है। जबकि जम्मू में, तवी नदी फिलहाल अलर्ट स्तर से नीचे बह रही है, लेकिन अधिकारियों ने आगाह किया है कि आने वाले घंटों में इसमें तेज वृद्धि होने की उम्मीद है। पूर्वानुमान बताते हैं कि नदी जल्द ही बाढ़ की चेतावनी और खतरे के स्तर को पार कर सकती है, जिससे इसके किनारे के संवेदनशील इलाकों में निकासी के उपाय शुरू हो सकते हैं।
जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है, साथ ही बचाव दल और आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैयार रहने को कहा गया है। नदी के निकट रहने वाले निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने और आधिकारिक सलाह का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया गया है रावी, उज और बसंतर नदियों का जलस्तर भी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर जाने के बाद मंगलवार को अधिकारियों ने जम्मू क्षेत्र में बाढ़ की चेतावनी जारी की। अधिकारियों ने बताया कि रावी नदी पर बने माधोपुर बैराज से पानी का स्तर 1,00,000 क्यूसेक से अधिक हो गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है और बागथली, मासोसपुर, कीरियां गंडियाल, बरनी, धन्ना, धनोर, कर
कठुआ जिले में, उज नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। पंजतीर्थी में, वर्तमान डिस्चार्ज 78,750 क्यूसेक है, जबकि खतरे का स्तर 88,000 क्यूसेक है, जबकि कठुआ में, प्रवाह 83,834 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का स्तर 95,099 क्यूसेक है। इस बीच, सांबा जिले में, बसंतर नदी सुबह 9 बजे खतरे के निशान को पार कर गई। इसका जलस्तर 4.5 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे की सीमा के बराबर है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को हाई अलर्ट पर रहने और एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बचाव और निकासी में मदद के लिए आपदा प्रतिक्रिया दल तैयार हैं।
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