सीबीआई में बिना जांच के लंबित ७४ गंभीर मामले, न्याय की मृगतृष्णा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मानव संसाधन की कमी के कारण जनता के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के ७४ गंभीर मामले बिना जाँच के सीबीआई में लंबित हैं और प्रभावित लोग न्याय की बाट जोह रहे हैं| २०२० में, गुरु राघवेंद्र बैंक लिमिटेड और श्री गुरु सौरभौमा सौहार्द क्रेडिट कोऑपरेटिव लिमिटेड धोखाधड़ी मामलों में बसवनगुडी पुलिस स्टेशन में एक और शंकरपुर पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए थे| इनकी जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी| चार साल बाद भी सीबीआई जाँच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है| इन संस्थानों में करोड़ों रुपये जमा करने वाले हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई|
विधानमंडल में इस पर खूब चर्चा हुई| लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ| अब तक, ठगे गए लोगों को न्याय नहीं मिला है| स्थानीय पुलिस ने जाँच छोड़ दी है क्योंकि यह सीबीआई को सौंप दी गई है| जमाकर्ताओं का भविष्य स्पष्ट है| इसी तरह, मार्च २०२२ में, वामनाचार्य और अन्य ने बेंगलूरु के हनुमंतनगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में वशिष्ठ क्रेडिट सौहार्द सहकारी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि बैंक ने बड़े ऋणों के लिए उचित सुरक्षा प्राप्त नहीं की थी| निदेशक मंडल सहित ४६ लोगों ने वित्तीय संस्थान के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात किया था| उन्होंने आरोप लगाया था कि जनता से सैकड़ों करोड़ रुपये की ठगी की गई थी|
यह मामला भी जाँच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था| इसके अलावा, सीबीआई ने कोई जाँच नहीं की है, और स्थानीय पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया है| तीन साल से जमाकर्ताओं की शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है| केरल स्थित पॉपुलर फाइनेंस घोटाले ने भी राज्य में खूब धूम मचाई थी| यशवंतपुर में ४७ मामले, एचएसआर पुलिस स्टेशन में पाँच, बसवनगुडी पुलिस स्टेशन में तीन, जयभीमनगर में दो, मडीवाला, मगदी, चंद्रालेआउट, विद्यारण्यपुरा, येलहंका, महादेवपुरा, संपगीरामनगर पुलिस स्टेशनों में एक-एक मामला दर्ज किया गया है| केरल की पापुलर फाइनेंस कंपनी ने १२ प्रतिशत ब्याज का वादा करके हजारों लोगों से करोड़ों रुपये जमा किए थे| लॉकडाउन के दौरान, जब लोग संकट में थे, तो कंपनी अचानक बंद हो गई और गायब हो गई| जमाकर्ताओं ने कंपनी के प्रमुख मथायस समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और न्याय की गुहार लगाई थी|
पापुलर फाइनेंस पर केरल समेत कई राज्यों में इसी तरह की धोखाधड़ी करने की खबरें आई थीं| अंतर-राज्यीय सीमा होने और करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला होने के कारण, राज्य में ६४ मामले सीबीआई को जाँच के लिए सौंपे गए थे| लेकिन अभी तक जाँच शुरू नहीं हुई है| जिन लोगों ने पैसा गंवाया है, उन्हें न्याय नहीं मिला है| इसी तरह, दावणगेरे ग्रामीण पुलिस स्टेशन में यूको बैंक धोखाधड़ी और रायचूर सीईएन पुलिस स्टेशन में २०२१ में दर्ज केनरा बैंक घोटाले से संबंधित मामला भी सीबीआई को सौंप दिया गया है| बताया जा रहा है कि इनमें से किसी भी मामले की जाँच में कोई प्रगति नहीं हुई है| इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि धर्मस्थल मामले में जो चल रहा है, वह आरएसएस की अंदरूनी लड़ाई है|
पहले भाजपा ने ही सौजन्या मामले की दोबारा जाँच की बात कही थी, एसआईटी गठित होने पर भी वे चुप थे, लेकिन अब अचानक धर्मस्थल पर धावा बोल रहे हैं| वे धर्मस्थल मामले की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो को सौंपने की माँग कर रहे हैं| लेकिन इससे पहले सीबीआई ने मानव संसाधन की कमी को लेकर एक पत्र लिखा था, जिसके कारण राज्य के ७४ मामले सीबीआई के पास लंबित हैं| इस बारे में भाजपा का क्या कहना है?