धर्मस्थल चलो: भगवा पार्टी ने श्रीक्षेत्र के खिलाफ साजिश का मामला एनआईए को सौंपने का आह्वान किया
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| श्रीक्षेत्र धर्मस्थल के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र का मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की माँग को लेकर भाजपा द्वारा एक विशाल धर्मस्थल चलो अभियान चलाया गया|
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर राज्य सरकार तुरंत इस मामले को एसआईटी के बजाय एनआईए को नहीं सौंपती और इस षड्यंत्र के पीछे की दुष्ट ताकतों को कानून के अनुसार दंडित नहीं करती, तो आने वाले दिनों में वे पूरे राज्य में उग्र संघर्ष करेंगे| मंजूनाथस्वामी सन्निधि से सटे मैदान में आयोजित धर्मस्थल अभियान को हिंदू कार्यकर्ताओं से अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली| मेंगलूरु, उडुपी, हासन, चिकमंगलूरु, शिवमोग्गा, दावणगेरे, बेलगावी, धारवाड़, हावेरी, गदग सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों कार्यकर्ताओं ने संदेश दिया कि वे धर्मस्थल के पक्ष में हैं| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी, विधायक गली जनार्दन रेड्डी, मुनिरत्न, एस.आर. विश्वनाथ, पूर्व मंत्री श्रीरामुलु, सांसद रेणुकाचार्य, विधान परिषद सदस्य, नेता और हिंदू समर्थक संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और श्रीक्षेत्र धर्मस्थल के प्रति अपना नैतिक समर्थन व्यक्त किया|
नेताओं ने कहा कि एसआईटी जाँच पर कोई संदेह नहीं है| लेकिन चूँकि इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय शक्तियाँ शामिल हैं, इसलिए इस मामले को एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए| यह मामला दिन-प्रतिदिन नए रूप लेता जा रहा है| उन्होंने धर्मस्थल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा है| सच्चाई सामने नहीं आ सकती| उन्होंने कहा कि अगर यह जाँच एनआई को सौंपी जाती है, तभी असली मास्टरमाइंड सामने आ पाएँगे| चिन्नैया, जो वर्तमान में एसआईटी की हिरासत में हैं, रोज बयान दे रहे हैं| जाँच से पता चला है कि इस मामले के मास्टरमाइंड, जिनमें गिरीश मत्तनवर, सुजाता भट, महेश शेट्टी टिमरोडी, जयंत और कई अन्य लोग शामिल हैं, ने साजिश रची है| केवल यही नहीं, बल्कि कुछ वामपंथी विचारक और अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं| इसलिए, उन्होंने मांग की कि मामले की जाँच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए| सरकार ने बिना किसी पूर्व सूचना के इसे एसआईटी को सौंप दिया है|
अब, इस मामले के पीछे कौन सी दुष्ट ताकतें हैं, यह सामने आ रहा है| चूँकि एसआईटी राज्य सरकार के अधीन काम कर रही है, इसलिए कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना संभव नहीं है| इसलिए, उन्होंने अनुरोध किया कि मामले की जाँच केंद्रीय एजेंसियों से कराई जाए| हमारा संघर्ष यहीं नहीं रुकेगा| हम आने वाले दिनों में इसे पूरे राज्य में एक व्यापक अभियान बनाने जा रहे हैं|