धर्मस्थल मामले में एनआईए जांच की जरूरत नहीं: सीएम सिद्धरामैया

धर्मस्थल मामले में एनआईए जांच की जरूरत नहीं: सीएम सिद्धरामैया

मैसूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने रविवार शाम को धर्मस्थल घटना की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) से जाँच कराने की जरूरत से इनकार किया| साथ ही, उन्होंने आगाह किया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से राज्य के खजाने को सालाना १५,००० करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है|


यहां पत्रकारों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मस्थल मामले की जाँच एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) के तहत चल रही है और इसे एनआईए को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है| सिद्धरामैया ने कहा हमने एसआईटी को पूरी आजादी दी है| हमने कोई दखल नहीं दिया है| उन्हें अपना काम करने दीजिए| शिकायत धर्मस्थल के खिलाफ दर्ज की गई थी|

लोगों को सच्चाई जानने का हक है| उन्होंने मामले का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा की आलोचना की| उन्होंने आगे कहा चाहे वे धर्मस्थल जाएँ या कहीं और, यह उनकी अपनी पसंद है| लेकिन एसआईटी के गठन का धर्मस्थल के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने भी स्वागत किया था| हमने इसका गठन इसलिए किया ताकि सच्चाई सामने आ सके| अन्यथा, धर्मस्थल को लेकर संदेह बना रहेगा| मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने अदालत में बयान दिया है और कई संगठनों ने एसआईटी जैसी स्वतंत्र संस्था से जाँच की माँग की है|

उन्होंने कहा जब एसआईटी की घोषणा हुई थी, तब भाजपा नेताओं ने भी इसका स्वागत किया था| लेकिन अब वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं| जीएसटी सुधारों के विषय पर, सिद्धरामैया ने कहा कि कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाना स्वागत योग्य है, लेकिन केंद्र को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्यों के राजस्व हितों की रक्षा हो| उन्होंने कहा जीएसटी दरों में कमी से कर्नाटक को सालाना १५,००० करोड़ रुपये का नुकसान होगा| यह कोई छोटी रकम नहीं है| आठ राज्यों ने मिलकर इस पर चर्चा की है और हमने अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत करा दिया है|

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जीएसटी लागू होने के बाद से, केंद्र ने राज्यों को केवल पाँच वर्षों तक मुआवजा दिया, जिसके बाद यह सहायता बंद हो गई| मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में जीएसटी राजस्व में केवल १२-१३ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई है, और उन्होंने विलासिता की वस्तुओं पर उपकर बढ़ाने का सुझाव दिया| उन्होंने कहा हमने केंद्र से सिगरेट, गुटखा, बेंज जैसी लग्जरी कारों जैसी वस्तुओं पर उपकर लगाने और उस राजस्व को राज्यों में वितरित करने का अनुरोध किया है| आगामी जीएसटी परिषद की बैठक ३ और ४ सितंबर को होने वाली है| सिद्धरामैया ने पुष्टि की है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे, और राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएँगे|

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सिद्धरामैया ने भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों की आलोचनाओं का भी जवाब दिया, जिन पर कर्नाटक के हित में बोलने में विफल रहने का आरोप लगाया| उन्होंने पूछा हमें ११,९५० करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ है| क्या उन्होंने इसके बारे में कुछ कहा है? वे धार्मिक उद्देश्यों के लिए धर्मस्थलों पर जाते हैं, लेकिन कर्नाटक के साथ हो रहे अन्याय पर चुप क्यों हैं?

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