कर्नाटक में स्कूल नामांकन में १.३ प्रतिशत की गिरावट
-निजी स्कूल सरकारी संस्थानों से आगे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| हाल के वर्षों में सरकारी स्कूलों द्वारा अंग्रेजी को शिक्षण माध्यम के रूप में अपनाने के बावजूद, कर्नाटक में शैक्षणिक वर्ष २०२४-२५ के लिए छात्र नामांकन में मामूली गिरावट दर्ज की गई है|
शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) के आंकड़ों के अनुसार, कुल नामांकन पिछले वर्ष के १,१९,२६,३०३ से घटकर २०२४-२५ में १,१७,८०,२५१ रह गया - १.३ प्रतिशत की गिरावट| निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों ने ५६,६३,८८७ छात्रों को प्रवेश दिया, जो सरकारी स्कूलों की तुलना में काफी अधिक है, जहाँ कुल मिलाकर ४७,३४,३६० छात्रों ने नामांकन कराया था|
महामारी के दौरान और उसके तुरंत बाद सरकारी स्कूलों में प्रवेश में आई तेजी अब उलटती दिख रही है, और अब अधिक बच्चे निजी संस्थानों में लौट रहे हैं| विशेषज्ञों ने इस प्रवृत्ति के लिए भाषा नीति में बदलाव के बावजूद सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे को जिम्मेदार ठहराया है| शैक्षणिक सलाहकार हेमलता गिरीश ने कहा कक्षा १ में दाखिले के मामले में सरकारी स्कूल निजी संस्थानों से लगभग ३० प्रतिशत पीछे हैं| पर्याप्त शिक्षकों और सुविधाओं के बिना, नामांकन को बनाए रखना एक चुनौती बना रहेगा| हालांकि, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों ने इस गिरावट को कम करके आंका और कहा कि अधिकांश गिरावट उच्च-माध्यमिक स्तर पर केंद्रित है|