प्रगति समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री शिवकुमार और मंत्री तिम्मापुर के बीच बहस
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कृष्णा अपर नदी परियोजना के तीसरे चरण की प्रगति समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और आबकारी मंत्री आर.बी. तिम्मापुर के बीच बहस हो गई| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, जो जल संसाधन मंत्री भी हैं, ने कृष्णा अपर नदी परियोजना के तीसरे चरण के कार्यान्वयन से संबंधित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, पुनर्निर्माण, भूमि मुआवजा और विभिन्न अदालतों में अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर दायर मामलों के संबंध में एक बैठक बुलाई थी|
बैठक में मंत्री प्रियांक खड़गे, एन.एस. बोसराजू, शिवानंद पाटिल, आर.बी. तिम्मापुर, शरण बसप्पा दर्शनपुर, डी. सुधाकर और अन्य शामिल हुए| आर.बी. तिम्मापुर ने बैठक में किसानों को ४० से ५० लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन का मुआवजा देने की मांग की थी| इससे नाराज डी.के. शिवकुमार ने कहा मंत्री महोदय, कैबिनेट में मंत्री रहते हुए आपका ऐसा बोलना उचित नहीं है| इससे पहले जल संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री रहे बसवराज बोम्मई ने जमीन के मुआवजे की एक कीमत तय की थी| अब मंत्री होने के नाते आप उसे थोड़ा बढ़ाकर मुआवजा दे सकते हैं| जैसा आपने कहा, आप ४० से ५० लाख रुपये नहीं दे सकते|
जिसके बाद मंत्री ने कहा लोगों की राय आपके ध्यान में लाना मेरी जिम्मेदारी है| मैंने वह काम किया है| अपने अनुभव और अवसर के आधार पर कोई फैसला लीजिए| विधायकों और किसान नेताओं को बोलने दीजिए| डी.के. शिवकुमार ने कहा ऐसे मंच पर एक मंत्री के तौर पर आपको ऐसा नहीं बोलना चाहिए| यह बातचीत मीडिया के सामने हो रही थी| मंत्री प्रियांक खड़गे ने मीडिया के कैमरामैन को बाहर भेजने की कोशिश की ताकि विवाद उजागर न हो और जनता में गलत धारणा न बने| डी.के. शिवकुमार ने ऐसा नहीं होने दिया और कहा कि मीडिया को वहाँ होना चाहिए और विधायकों को बोलने दिया| कृष्णा अपर नदी तृतीय चरण परियोजना की लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है|
हालिया रिपोर्टों के अनुसार, परियोजना की लागत ७५ हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गई है| सभी सरकारें इस परियोजना को लागू करने और पूरा करने का वादा करती रही हैं|
लेकिन भूमि अधिग्रहण की उच्च लागत के कारण परियोजना अभी अपने प्रारंभिक चरण में है| डी.के. शिवकुमार ने परियोजना को उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की थी| बैठक में मुआवजा बढ़ाने की वकालत करने पर मंत्री तिम्मापुर डी.के. शिवकुमार के निशाने पर आ गए हैं|