विधायक मुनिरत्न के खिलाफ बलात्कार के मामले में उचित सबूतों का अभाव
-एसआईटी ने सौंपी बी रिपोर्ट
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बेंगलूरु के राजराजेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मुनिरत्न के खिलाफ बलात्कार के मामले में उचित सबूतों के अभाव में विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने अदालत में बी रिपोर्ट पेश की है| चूँकि पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, विधायक द्वारा महिला के साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि करने वाले कोई उचित दस्तावेज या सबूत नहीं हैं, इसलिए एसआईटी ने जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में बी रिपोर्ट पेश की है| यह बलात्कार के मामले में फंसे मुनिरत्न के लिए एक बड़ी जीत है| अदालत ने अभी तक बी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की है|
मुनिरत्न ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा बताते हुए मामले को रद्द करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी| अब, मुनिरत्न के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि एसआईटी ने बी रिपोर्ट पेश की है जिसमें कहा गया है कि आरोप साबित नहीं हुए हैं| यह बात सामने आई है कि महिला को तब भी नींद की दवा दी गई थी जब वह गोलियां ले रही थी| ८ बार दवा दी गई थी| शरीर में नींद की गोलियों का कोई सबूत नहीं मिला है|
पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है| इसलिए, ’बी’ रिपोर्ट दर्ज की गई है| राजराजेश्वरी नगर के भाजपा विधायक मुनिरत्न के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है| एक भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है| विधायक मुनिरत्न, उनके समर्थक वसंत, चन्नकेशव, कमल और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शहर के आरएमसीकार्ड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है|
महिला का आरोप था कि बलात्कार से पहले दिए गए इंजेक्शन की वजह से मुझे अब ईडीआर नामक बीमारी हो गई है| महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह इससे परेशान थी और उसने आत्महत्या का प्रयास किया था| एक भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा ३७६ए, २७०, ३२३, ३५४, ५०४, ५०६, ५०९, ३४ के तहत मामला दर्ज किया गया है| महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में उसने कहा है कि वह भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करती थी| मेरे पति के मुझे छोड़ने के बाद, मैं अकेले रह रही थी| मुझे वेश्यावृत्ति के आरोप में जेल भेजा गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया| महिला ने आरोप लगाया कि कुछ लोग मुझे बहला-फुसलाकर अपने कार्यालय ले गए और मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया, क्योंकि मैं भाजपा में थी|
पहले, चूँकि मैं भाजपा में थी, इसलिए तत्कालीन कांग्रेस विधायक मुनिरत्न ने मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाकर मुझे जेल भिजवा दिया था| बाद में, ११ जून, २०२३ को, वह मुझे जेपी पार्क के पास विधायक के कार्यालय की दूसरी मंजिल पर ले गए, मुझे नंगा किया और अपने दो साथियों से सामूहिक बलात्कार करवाया| इसके अलावा, उन्होंने मुझे एक ऐसा इंजेक्शन दिया जिससे एक खतरनाक बीमारी हो सकती थी| महिला ने आरोप लगाया कि मुनिरत्न ने उसे इस मामले का जिक्र कहीं न करने की धमकी दी और उसके चेहरे पर पेशाब भी किया| सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का आदेश दिया|