पूर्वजों के संकल्प और भावी पीढ़ी की आकांक्षाएं पूरी हों
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया
गोरखपुर, 21 सितंबर (एजेंसियां)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग समाज को नेतृत्व देने वाला तबका है, जो अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नेतृत्व देने का सामर्थ्य रखते हैं। बुद्धिजीवी तबका समाज को नेतृत्व देने के लिए उठ खड़ा होता है तो दुनिया की कोई भी ताकत उस देश व समाज को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। सीएम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पीएम मोदी ने देशवासियों का आह्वान किया कि शताब्दी महोत्सव (2047) में कैसा भारत चाहते हैं। यह भारत पूर्वजों के संकल्पों, वर्तमान के सपनों व भावी पीढ़ी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला और आत्मनिर्भर व विकसित हो। सीएम ने कहा कि स्वार्थी व विभाजनकारी राजनीति से उठकर विकास के एजेंडे को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नौजवान, बुजुर्ग, नौकरीपेशा, श्
मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत रविवार को भाजपा महानगर द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि समारोह में मौजूद बुद्धिजीवियों से अपील की कि अलग-अलग संस्थानों को इसका केंद्र बिंदु बनाएं। विजन डॉक्यूटमेंट में लोगों से चर्चा-परिचर्चा करें और उनके सुझावों को आमंत्रित करें। अच्छे सुझाव को विजन डॉक्यूमेंट में स्थान देंगे। जनपद स्तर पर आए तीन और प्रदेश के पांच बड़े सुझाव को सम्मानित करेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि भारत तब विकसित बनेगा, जब उत्तर प्रदेश विकसित होगा। यूपी तब विकसित होगा, जब गोरखपुर, एक-एक गांव और कस्बा विकसित होगा। स्वयं को उसके अनुरूप बनाना होगा। सीएम ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु से जुड़ा वृत्तांत सुनाया। कहा कि उन्होंने दो पेड़ लगाए, समान परिस्थितियां व खाद-पानी दिया, लेकिन दोनों के प्रति उनके व्यवहार में अंतर था। एक पेड़ को पुचकारते थे कि वह आगे बढ़ेगा। वंश में वृद्धि होगी। दूसरे को दुत्कारते थे कि तेरा नाम मिट जाएगा। दोनों पौधे एक समान परिस्थिति में पले-बढ़े, समान सुविधाएं मिलीं, लेकिन व्यवहार का अंतर रहा। जिसे वे पुचकारते थे, वह बड़ा होकर फलने-फूलने लगा, जिसे दुत्कारते थे वह नष्ट हो गया। सीएम ने कहा कि भारत की गुलामी का एक कारण यह भी रहा है कि हमने अपने बंधु-बांधवों के साथ भेदभाव किया। जातीय वैमनस्यता के आधार पर सामाजिक एकता को छिन्न-भिन्न किया। उसका दुष्परिणाम सैकड़ों वर्ष तक देश को हम सबको भुगतना पड़ा।
सीएम ने कहा कि भेदभाव समाज ने किया, लेकिन गुलामी की मानसिकता पूरे देश को झेलनी पड़ी। गुलामी की मानसिकता अपनापन, वैभव व गौरव भूल जाती है और विरासत को विस्मृत कर देती है। भारत के साथ भी यही हुआ है। यहां के लोगों ने मान लिया कि जो भारत का है, वह पिछड़ेपन का प्रतीक है। हम लोगों ने संस्कृत की जगह इंग्लिश मान लिया। भारत के राष्ट्रीय महापुरुषों की जगह विदेशी हीरो, सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों की जगह विदेशी ग्रंथ, भारत के लेखकों के मौलिक कृति की जगह किसी विदेशी लेखक की कृति, विरासत में प्राप्त महत्वपूर्ण तथ्य की जगह विदेशी अच्छा है, यह भाव हर भारतीय के मन में भर दिया गया। यह देश गुलामी की मानसिकता में जीता रहा।
सीएम योगी ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश पर हमले होते थे और भारत चुप रहता था, लेकिन एकता का अभाव था। हर कालखंड में भारत ने प्रतिकार किया, लेकिन ताकत बंटी हुई थी। सुहेलदेव को इतिहास ने गायब कर दिया। उन्होंने एक हजार वर्ष पहले विदेशी आक्रांता सालार मसूद को नाकों चने चबवाया। सालार मसूद को लोहे के कड़ाहे पर खड़ा करके जिंदा जला दिया था और उसके दोनों सैनिक से कहा था कि अपने देश में बता देना कि गाजी को क्या सजा मिली है। इससे 150 वर्ष तक कोई भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया।
सीएम योगी ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, सिख गुरु आदि ने शौर्य व पराक्रम दिखाया। आजादी के लिए भारत लड़ सके, इसके लिए सबसे पहले स्वदेशी ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। पहले आर्यसमाज, फिर स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगमन के बाद स्वदेशी ने नई हुंकार भरी थी। कुछ ही दशकों में भारत स्वतंत्र हो गया, लेकिन स्वतंत्र भारत का भाव क्या होना चाहिए, दुर्भाग्य से यह तय नहीं हो पाया। जिन महापुरुषों को यह तय करना था, वे आजादी के कुछ समय बाद चल बसे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के कुछ समय पहले ही परिदृश्य से गायब कर दिया गया। सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत सभी महापुरुषों का निधन हो गया।
सीएम योगी ने 2014 के पहले और बाद के भारत का जिक्र किया। 1947-50 से 2014 तक भारत 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया। 2014 से अब तक चौथी अर्थव्यवस्था बन गया। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा यानी तीन इकोनॉमिक पावर अमेरिका, चीन व भारत ही होगा। 2014 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई। हाईवे, मेट्रो, रेलवे, एम्स, आई
सीएम ने कहा कि भारत पिछले साढ़े पांच वर्ष से 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा है। 1977 से 2017 तक इंसेफेलाइटिस के कहर से तड़पते और मरते बच्चों का जिक्र किया। बोले कि 1905 में जापान ने इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन बनाई, लेकिन भारत आने में उसे 100 वर्ष लगे। 2017 में यूपी में जब भाजपा सरकार बनी तो यह बीमारी आज समाप्त हो गई। आज हर परिवार में पर्व का उमंग और नई सुबह का इंतजार करता है। 2014 तक देश में केवल 74 एयरपोर्ट बन पाए थे, आज इनकी संख्या 160 हो गई। एम्स पहले 7 थे, आज 23 हो गई। 450 केंद्रीय विश्वविद्यालय व इंस्टीट्यूट बने हैं। देश में 230 किमी. से बढ़कर 1050 से अधिक किमी. की मेट्रो लाइन बिछ चुकी है। सीएम ने 11 वर्ष में वेलफेयर स्कीम का भी जिक्र किया।
सीएम ने कहा कि यूपी में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर का काम सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल लखनऊ में बन रही है। यह दुश्मन पर प्रहार करती है। ड्रोन यूपी में बने हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी का क्या स्थान हो सकता, इस पर काम हो रहा है। पिछले दिनों मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि के दीक्षांत समारोह में इसरो के चेयरमैन भी आए थे। यूपी सरकार उनके साथ मिलकर कार्य कर रही है। आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों को रोकने के लिए क्या यूपी सरकार सेटेलाइट लांच कर सकती है। स्पेस टेक्नोलॉजी आज वहां तक पहुंच चुकी है, जहां से बैठे-बैठे वह जमीन के एक-एक इंच का चित्र दे देगा। तस्करी, इल्लीगल माइनिंग तक वह बता देगा। सुरक्षा कारणों से इसमें समय लगेगा। जनहानि रोकने के लिए आकाशीय बिजली चुनौती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी, सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह, गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, पूर्व कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय आदि मौजूद रहे।
#YogiAdityanath, #PrabuddhSamvaad, #Gorakhpur, #UPNews, #NationBuilding, #NarendraModi, #IndianCulture, #GoodGovernance