एसआईआर से जुड़ी तैयारी 30 तक पूरी हों
राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने राज्यों को दिए निर्देश
नई दिल्ली, 21 सितंबर (एजेंसियां)। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 30 सितंबर तक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है। यह प्रक्रिया अक्टूबर-नवंबर से शुरू हो सकती है। आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से विदेशी घुसपैठियों को हटाना और पारदर्शिता बढ़ाना है।
इस महीने की शुरुआत में हुई मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक में आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने 10 से 15 दिन में एसआईआर लागू करने के लिए तैयार रहने को कहा था। हालांकि अब स्पष्ट डेडलाइन तय करते हुए 30 सितंबर को अंतिम तारीख घोषित किया गया है। सभी राज्यों को पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूचियां तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
कई राज्यों ने अपनी पिछली एसआईआर के बाद की मतदाता सूची पहले ही वेबसाइट पर डाल दी है। दिल्ली के सीईओ की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची मौजूद है, जब राजधानी में आखिरी बार एसआईआर हुई थी। उत्तराखंड में 2006 की मतदाता सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है। बिहार में 2003 की सूची को गहन पुनरीक्षण के आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकांश राज्यों ने 2002 से 2004 के बीच एसआईआर कराई थी। अब वहां वर्तमान मतदाताओं को उन पुरानी सूचियों से मिलान करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार के बाद यह प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जाएगी।
गौरतलब है कि 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में एसआईआर प्रक्रिया इन चुनावों से पहले मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिहाज से अहम मानी जा रही है। चुनाव आयोग का कहना है कि गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से विदेशी घुसपैठियों को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं के जन्मस्थान की जांच की जाएगी। यह कदम उस समय और भी अहम हो जाता है जब कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की जा रही है।
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