जरूरत होगी तो हम मायावती से मिल सकते हैं: आजम
आजम खान के बयान ने बढ़ाया यूपी का सियासी पारा
लखनऊ, 11 अक्टूबर (एजेंसियां)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के तीसरे दिन पार्टी महासचिव आजम खान के सुर बदल गए हैं। आजम ने बसपा प्रमुख मायावती की न सिर्फ प्रशंसा की बल्कि जरूरत पड़ने पर कभी भी उनसे मिलने की बात भी कही। मायावती का इस बात को लेकर शुक्रिया भी अदा किया कि लखनऊ रैली के दौरान उन्होंने उनके लिए कुछ बुरा भला नहीं कहा।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती की जमकर तारीफ करते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह और पूरा देश मायावती का सम्मान करता है और वह एक बड़े जनसमूह की नेता हैं। आजम खां के इस बयान से उन उन चर्चाओं को एक बार फिर बल मिल गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि आजम बसपा की तरफ रुख कर सकते हैं। मीडिया को दिए इंटरव्यू में आजम खान ने मायावती के साथ अपने पुराने रिश्ते को याद किया। आजम ने कहा, जब वह रैली में रामपुर आईं थीं, तब मेरी मेहमान थीं। मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है। उन्होंने एक दिलचस्प वाकया साझा करते हुए कहा, ये बात किसी को नहीं मालूम कि लखनऊ में सुबह जब मैं फज्र की नमाज पढ़ता था, तब कांशीराम जी उनसे (मायावती) मिलने आते थे और आधा-एक घंटे बात करके जाते थे।
23 सितंबर को जेल से जमानत पर छूटे आजम के बसपा में जाने के कयास भी लगाए गए। हालांकि, मायावती ने नौ अक्टूबर को लखनऊ रैली में ऐसी किसी मुलाकात को खारिज करते हुए कहा था कि वह किसी से छिपकर नहीं मिलतीं। विरोधियों ने रैली से पहले यह अफवाह फैलाई। आजम के रुख बदलने से एक बार भी उनका बसपा प्रेम सुर्खियों में आ गया है। सीतापुर जेल में 23 महीने बिताकर और अखिलेश यादव के बीच आठ अक्टूबर को करीब दो घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू हुई थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने गिले-शिकवे दूर होने का दावा किया था। हालांकि, उनके सामने आजम चुप्पी साधे रहे। बाद में उन्होंने कहा था कि गुफ्तगू के बारे में बताएंगे तो नुकसान होगा। गिला ही नहीं तो शिकवा कैसा। आजम की मंशा न होने पर रामपुर के सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अखिलेश यादव ने लखनऊ से साथ लाकर बरेली ही रोक दिया था।
गुरुवार को सांसद ने कहा था कि आजम की अब उम्र हो चुकी है, वह हमें क्या अपने शहर इमाम तक को नहीं पहचानते। शुक्रवार को आजम खां ने पत्रकारों से बात करते हुए बसपा प्रमुख मायावती प्रशंसा की। उन्होंने कहा, वे बड़े जनसमूह की नायक हैं। उनका मैं ही नहीं, पूरा देश सम्मान करता है। उनके पास कोई ऐसी खबर पहुंची है, जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो तो उसके लिए मुझे अफसोस है। उनकी अहमियत की मेरे दिल में कोई कमी नहीं है। जब वह रैली में रामपुर आईं थीं, तब वह मेरी मेहमान थीं।
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