देशपांडे का बयान इस बात का सबूत है कि कर्नाटक पतन के कगार पर पहुंच गया: आर अशोक
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा वरिष्ठ कांग्रेस नेता आर.वी. देशपांडे का यह बयान कि गारंटी ने विकास को पीछे धकेल दिया है, इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे राज्य सरकार की अवैज्ञानिक नीतियों ने राज्य को गर्त की ओर धकेल दिया है|
उन्होंने इस संबंध में एक्स पर सरकार के खिलाफ कई पोस्ट किए हैं और अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है, मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, यह बकवास कब तक चलेगी? आपका कुप्रबंधन बहुत हो गया| उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर किसी भी तरह सत्ता में आने की चाहत में गारंटी योजनाएँ बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गारंटी अब गरम तेल बन गई है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की सरकार को कंगाल बताने का रोना कांग्रेस पार्टी के भीतर ही उठ रहा है| इससे पहले, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद स्वीकार किया था कि सरकार के पास सड़क पर एक टोकरी मिट्टी डालने के लिए भी पैसे नहीं हैं| सिद्धरामैया के आर्थिक सलाहकार, वरिष्ठ विधायक बसवराज रायरेड्डी ने याद दिलाया कि अगर हमें सड़क चाहिए, तो गारंटी योजना बंद करनी होगी|
अब, कांग्रेस पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री आर.वी. देशपांडे ने कहा है कि अगर वे मुख्यमंत्री होते, तो गारंटी योजनाओं को लागू ही नहीं करते, जिससे एक बार फिर साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री कितने अक्षम हैं| एक अन्य पोस्ट में, उन्होंने सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि कांग्रेस सरकार की राजनीतिक अक्षमता के कारण राज्य की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है, और जाति जनगणना सर्वेक्षण के लिए कर्मचारियों की तैनाती के बाद आम लोगों को अपने रोजमर्रा के काम करने में भी मुश्किल हो रही है| स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, बेस्कॉम और बीडब्ल्यूएसएस कार्यालयों में कर्मचारी नहीं हैं| आरटीओ कार्यालयों में कर्मचारी नहीं हैं|
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, अपनी कुर्सी बचाने के नाटक की सजा कन्नड़ लोगों को मिल रही है| उन्होंने चेतावनी दी कि दिवाली पर अपने गृहनगर जाने के लिए आम आदमी को बसों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, इसके सारे संकेत दिखाई दे रहे हैं| परिवहन निगम के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी गईं तो वे 15 अक्टूबर से फिर हड़ताल पर चले जाएँगे| उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस सरकार को अब जागना चाहिए और परिवहन कर्मचारियों की माँगों को पूरा करने के लिए पहल करनी चाहिए| बसों के रखरखाव के लिए पैसे नहीं हैं| परिवहन कर्मचारियों के वेतन और बकाया वेतन के लिए पैसे नहीं हैं|
बस अड्डों के रखरखाव के लिए पैसे नहीं हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि लचर कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के कारण परिवहन निगमों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है और वे ऐसी विकट स्थिति का सामना कर रहे हैं जहाँ उनके पास किसी भी चीज के लिए पैसे नहीं हैं| दशहरा की छुट्टियों के बाद जहाँ निजी स्कूलों के बच्चे स्कूल लौट रहे हैं, वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चे बिना पढ़ाई के तड़प रहे हैं| सिद्धरामैया, सरकारी स्कूलों के गरीब बच्चों को उनकी राजनीतिक लापरवाही की सजा मिल रही है| अपनी राजनीतिक लापरवाही के लिए अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद मत करो| शिक्षकों को सर्वेक्षण से मुक्त करो और तुरंत स्कूल फिर से शुरू करो| उन्होंने चेतावनी दी कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ मत करो|
उन्होंने जाति जनगणना सर्वेक्षण के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को नियुक्त किया और छात्रों का भविष्य बर्बाद करते हुए सरकारी स्कूलों को एक महीने के लिए बंद कर दिया| अब उन्होंने सर्वेक्षण के काम के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया है| सिद्धरामैया, आपको पता नहीं है कि जनता आपके जाति जनगणना के नाटक से कितनी तंग आ रही है| कुर्सी बचाने की आपकी जिद कन्नड़ लोगों के लिए एक अपमान है|