बसपा नेता आकाश आनंद पर बौखलाए अखिलेश
लखनऊ, 13 अक्टूबर (एजेंसियां)। लखनऊ में बीते दिनों हुई बसपा की सफल रैली के बाद सपा नेता अखिलेश यादव बौखला उठे हैं। बसपा नेता आकाश आनंद पर अखिलेश निशाने साध रहे हैं।
बौखलाहट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा-बसपा में अंदरूनी साठगांठ का आरोप लगाना शुरू कर दिया। यह भी कहा कि बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद की जरूरत भाजपा को ज्यादा है। इसे इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि आकाश आनंद बसपा में मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर लिए जाते हैं। वे मायावती के भतीजे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने 9 अक्टूबर को अपनी रैली में सपा के पीडीए अभियान पर खुलकर निशाना साधा था।
सपा और बसपा ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था और उसके बाद से अखिलेश यादव, मायावती या उनके परिवार के राजनीतिक सदस्यों पर सीधा हमला करने से बचते रहे हैं। इसलिए जब अखिलेश ने आकाश आनंद को लेकर अपने एक्स एकाउंट पर टिप्पणी की तो इसके राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जाने लगे। इस बयान से साफ है कि सपा अध्यक्ष अब बहुजन समाज पार्टी पर सीधे राजनीतिक हमले के मूड में हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि सपा अच्छी तरह समझती है कि वर्ष 2027 के चुनाव में सत्ता तक पहुंचने के लिए दलित मतदाताओं का साथ जरूरी है। कभी दलित वोट बैंक पर बसपा का दबदबा रहा है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में भाजपा ने इसमें अच्छी खासी सेंध लगाई। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा भी दलितों का वोट पाने में सफल रही।
इसलिए अखिलेश ने पार्टी नेताओं को दलितों के बीच सक्रियता बढ़ाने का न सिर्फ संदेश दिया है, बल्कि जहां कहीं भी दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है, उसे प्रमुखता से उठाने का फैसला भी किया है। रायबरेली में वाल्मीकि युवक की हत्या इसका ताजा उदाहरण है। हालांकि, आकाश आनंद पर अखिलेश की टिप्पणी का भाजपा के किसी प्रमुख नेता की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
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