अमेरिका और मिस्र के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को भेजा न्यौता
मिस्र में होगी गाजा शांति शिखर वार्ता, 20 देशों के प्रमुख आएंगे
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कर सकते हैं प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (एजेंसियां)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। दोनों नेता सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले हैं। 13 अक्टूबर 2025 को मिस्र के शर्म अल शेख में यह वार्ता होगी। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सम्मेलन में आने की पुष्टि कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 13 अक्टूबर को मिस्र में होने वाले गाजा शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण मिला। गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए मिस्र में शांति शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त करना, मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों को बढ़ाना और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के नए चरण की शुरुआत करना है। यह शिखर सम्मेलन क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दृष्टिकोण और दुनिया भर में संघर्षों को समाप्त करने के उनके निरंतर किए गए प्रयासों में एक है। मिस्र के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने बताया कि शांति शिखर वार्ता में 20 से ज्यादा देशों के प्रमुख भाग लेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि यह सम्मेलन उस समय हो रहा है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं और चाहते हैं कि दुनिया के तमाम हिस्सों में चल रहे युद्धों का अंत हो।
शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है और न ही इसमें शामिल होने को लेकर कोई फैसला हुआ है। जानकारों का मानना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में जाने के लिए तैयार होते हैं, तो यह उनके लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात का एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। इसके अलावा, पीएम मोदी का यह कदम फिलिस्तीनी लोगों के प्रति एक सकारात्मक संदेश के रूप में भी देखा जा सकता है। सत्ता गलियारे में खबर चल रही है कि शांति शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। इस बारे में आधिकारिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के साथ मिलकर गाजा पीस प्लान तैयार किया है। इसके तहत हमास और इजरायल न सिर्फ बंधकों को रिहा करेंगे, बल्कि दो साल से जारी इस जंग को भी समाप्त करेंगे। हालांकि, इस पीस प्लान को लेकर हमास के मन में अभी भी संदेह बना हुआ है। ट्रंप की कई शर्तों को हमास पहले ही गैर-व्यावहारिक बता चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने की यह कोशिश कितनी सफल होती है और क्या इजरायल-हमास के बीच जारी जंग वास्तव में थमती है या नहीं।
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