95% क्षेत्र नियंत्रण में, पाक सेना पीछे हटी

पाकिस्तान से स्वतंत्र होने के करीब बलूचिस्तान

95% क्षेत्र नियंत्रण में, पाक सेना पीछे हटी

क्वेटा, 30 सितंबर (एजेंसियां)। बलूचिस्तान के लड़ाके पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों से अपनी धरती को आजाद कराने के लिए जोरदार प्रयास कर रहे हैं। करीब 95 प्रतिशत इलाका बलूच लड़ाकों के कब्जे में आ गया है। बलूचिस्तान के कई इलाकों से पाकिस्तानी सेना भी पीछे हट गई है। बलूचिस्तान को हाथ से निकलता देख पाकिस्तानी सेना ने खुजदार जिले के जेहरीगजानतरासानीशाहमुज और सोहांडा में हवाई हमले भी किए हैं। लेकिन बलूच लड़ाके इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। उधर, बलूचिस्तान के क्वेटा में आज हुए जबरदस्त धमाके में 10 लोगों के मरने की खबर है।

बलूचिस्तान ने हाल ही में अपने को स्वतंत्र घोषित किया था। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमेरिका दौरे पर गए थे और उन्होंने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित करवाया था। बलूचों ने तेल एवं खनिज समृद्ध और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पहले ही अपने नियंत्रण में ले लिया है और वे पाकिस्तानी सेना का कड़ा मुकाबला कर रहे हैं। इस कारण कई क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना पीछे हटने के लिए मजबूर हो रही है। लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र अब बलूच स्वतंत्रता सेनानियों के नियंत्रण में है। बलूच लड़ाके अपनी मातृभूमि से हर एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को बाहर निकालने के लिए कटिबद्ध हैं और इसके लिए एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

बलोच लड़ाके युद्ध में अनुभवी हैं और उन्हें बलोच लोगों का पूरा समर्थन प्राप्त है। इसके विपरीत पाकिस्तानी सैनिकों को बलोच धरती पर विदेशी कब्जाधारी के तौर पर देखा जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पाकिस्तान ने क्षेत्रों में टैंकबख्तरबंद काफिलेएसएसजी कमांडो और नियमित सेना की दो पूर्ण पैदल सेना इकाइयां भेजी हैं। दोनों पक्षों के बीच विभिन्न हिस्सों में भीषण झड़पें जारी हैं।

बलूच नेता ने मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बलूचिस्तान गणराज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसियोंसीमा सुरक्षा बलों और रक्षा बलों ने बलूचिस्तान के संप्रभु क्षेत्र में तैनात अवैध और विदेशी पाकिस्तानी आतंकवादी मिलिशिया इकाइयों को निशाना बनाकर सफलतापूर्वक अभियान चलाया है। इस मुठभेड़ के दौरानपाकिस्तानी आतंकी घुसपैठियों के वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि वे बलूच राष्ट्रीय सेना द्वारा किए गए सटीक हमले से बाल-बाल बच गए। यह अभियान रक्षा के अधिकार का उपयोग करके अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा और अपनी धरती पर विदेशी सैन्य उपस्थिति को समाप्त करने के लिए गणराज्य की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

Read More सांसदों को धक्का देने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर

मीर यार बलूच ने कहा कि बलूचिस्तान गणराज्य के खुजदार जिले के जहरी और आसपास के इलाके मेंपाकिस्तानी आतंकवादी मिलिशिया बलों ने बलूच नागरिकों के खिलाफ बिना किसी उकसावे के हिंसक हमला किया। लगातार बमबारी ने इस क्षेत्र को तबाह कर दिया है। फसलों को बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया है। बिजली आपूर्ति प्रणाली को नष्ट कर दिया गया हैट्रांसफार्मर और सौर पैनलों को जानबूझकर गोली मारकर नष्ट कर दिया गया है। मोरेन्की के निवासियों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा हैजबकि दश्त कोलपुर के 50 से ज्यादा बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर दिया गया है।

Read More Umar Khalid Bail: दिल्ली दंगा मामले में JNU के पूर्व छात्र को बड़ी राहत, कड़कड़डूमा कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

उन्होने कहा कि पाकिस्तानी हमलावर बलों की ये हरकतें सैन्य आक्रमण से कहीं आगे जाती हैं। आम लोगों को उनकी सम्पत्ति और आजीविका से वंचित करने के लिए बल प्रयोग करकेऔर बंदूक की नोक पर नागरिकों को आतंकित करकेवे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन कर रहे हैं। नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट करनाआबादी को जबरन विस्थापित करना और अपहरण करना ऐसे अपराध हैं जो बलूचिस्तान के लोगों पर किए जा रहे व्यवस्थित उत्पीड़न को उजागर करते हैं।

Read More आंबेडकर विवाद में कूदी ममता बनर्जी, अमित शाह के खिलाफ TMC का विशेषाधिकार नोटिस

बलूच राष्ट्रवादी नेता हिर्बयार मरी का एक साक्षात्कार भी वायरल हुआ है। उन्हें बलूचिस्तान मुक्ति आंदोलन का अग्रदूत माना जाता है। उनका कहना है कि बलूचिस्तान की आजादी स्थायी शांति लाएगी और दुनिया के इस हिस्से में पाकिस्तान के दशकों पुराने आतंकवाद का अंत करेगी।  बलूचिस्तान देश राष्ट्रों और आस्थाओं के बीच की खाई को पाटने में भूमिका निभाएगा। पाकिस्तानी आक्रमण से पहले स्वतंत्र बलूचिस्तान के पहले वित्त मंत्री एक हिंदू थे। यह सिद्ध है कि बलूचिस्तान और भारत महान सभ्यताएं थीं।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली को एक दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए और पश्तूनोंबलूचोंसिंधीगिलगित और मुहाजिर जातियों के नेतृत्व के साथ गठबंधन करना चाहिए और उन्हें पाकिस्तान और चीन की नापाक योजनाओं का मुकाबला करने के लिए भारत आमंत्रित करना चाहिए। 1948 में पंजाबी मुस्लिम सेना ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया था। आक्रमण के बादकलात के बलूच राजा खान को दशकों तक पंजाब की जेल में रखा गया था। मोहम्मद अली जिन्ना ने एक वकील और बलूचिस्तान के मित्र के वेश में बलूच शासक खान कलात को धोखा दिया।

#बलूचिस्तान, #स्वतंत्रता_संघर्ष, #पाकिस्तान, #सेपरेटिस्ट_आंदोलन, #सैन्य_वापसी, #ब्यावस्था