क्लोजर रिपोर्ट में खुलासाः दलित नहीं था रोहित वेमुला

 राहुल गांधी की रोहित वेमुला नीति की सियासत फर्जी

क्लोजर रिपोर्ट में खुलासाः दलित नहीं था रोहित वेमुला

हैदराबाद, 22 अप्रैल (एजेंसियां)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखा है। इस पत्र में राहुल ने कर्नाटक में रोहित वेमुला एक्ट नाम से एक कानून बनाने की अपील की है। राहुल का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में जातिगत भेदभाव को खत्म करना है। अपने पत्र में राहुल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ हुए भेदभाव के बारे में भी लिखा है। इस पत्र को राहुल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। राहुल ने लिखामैं कर्नाटक सरकार से रोहित वेमुला अधिनियम लागू करने की अपील करता हूं।

जबकि बीते साल तीन मई को तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना हाइकोर्ट को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें यह साफ तौर पर लिखा था कि रोहित दलित नहीं था बल्कि उसने अपनी असली जाति के उजागर होने के डर से आत्महत्या की थी। कई लोगों का मानना है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में 17 जनवरी 2016 को जातिगत भेदभाव के कारण पीएचडी छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। 19 अप्रैल 2025 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राहुल गांधी को बताया कि उन्होंने रोहित वेमुला एक्ट के लिए ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दे दिए हैं।

रोहित की मौत के बाद राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने उसे दलित विद्यार्थी का चेहरा देकर उसकी आत्महत्या को हत्या का रूप देने की कोशिश की। सच्चाई को उजागर करने में किसी की दिलचस्पी नहीं थी। इसके बजाय इसे एक सियासी अवसर के रूप में देखा। रोहित वेमुला की मौत को वोटों की ख़ातिर दलितों और गैर-दलितों को बांटने वाले राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया गया। प्रशासन की रिपोर्ट ने विपक्ष का झूठ उजागर कर दिया।

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