अहमदाबाद और सूरत में हजार घुसपैठिए पकड़े गए

बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज

अहमदाबाद और सूरत में हजार घुसपैठिए पकड़े गए

असम में भी पकड़े गए पाकिस्तानी चमचे

कर्णावती, 26 अप्रैल (एजेंसियां)। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा  पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद देशभर में पाकिस्तानियों एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश का अभियान तेज हो गया है। गुजरात सरकार ने अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों के साथ-साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी पकड़ कर वापस उनके देश भेजना (डिपोर्ट करना) शुरू कर दिया है। सूरत में 134 से ज्यादा और अहमदाबाद में 890 विदेशियों को दबोचा गया।

गुजरात के गृह विभाग ने सबसे पहले गुजरात में रहने वाले पाकिस्तानियों का डेटा खंगालना शुरू किया और एक लिस्ट तैयार किया। इस लिस्ट के मुताबिकगुजरात में 438 लॉन्ग-टर्म वीजा वाले पाकिस्तानी मौजूद हैं। जिनमें से अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 77, सूरत में 44 और कच्छ में 50 पाकिस्तानी रह रहे हैं। गुजरात में शॉर्ट-टर्म वीजा पर 7 पाकिस्तानी हैंजिसमें से 5 अहमदाबाद में और अन्य 2 में से एक भरूच और एक बड़ौदा में हैं। इन सभी को गुजरात से डिपोर्ट करने का काम शुक्रवार से ही शुरू कर दिया गया है। इस बारे में गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सूरत में मीडिया से बातचीत करते हुए यह बयान भी दिया है कि अब पाकिस्तानियों को भारत छोड़ना ही पड़ेगा।

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गुजरात पुलिस ने विदेशियों को खंगालने के लिए सूरत में शुक्रवार देर रात से कार्रवाई शुरू कर दी। जिसके तहत सूरत में रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक सर्च ऑपरेशन कर घुसपैठियों को धर दबोचा गया। इस कार्रवाई के बारे में गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने कहा कि गुजरात पुलिस ने लंबे अरसे से गुजरात में गैरकानूनी रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान सूरत से 134 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है जो अवैध रूप से गुजरात में लंबे अरसे से रह रहे थे।

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अहमदाबाद के चंदोला तालाब एरिया में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी झोपड़ियां बनाकर अवैध रूप से रह रहे थे। इस इलाके में पुलिस ने सुबह 3 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू कर 890 बांग्लादेशी घुसपैठियों को दबोच लिया। डीजीपी विकास सहाय ने कहा कि फर्जी दस्तावेज बनाने वाले बंगाली आपराधिक नेटवर्क की जांच जारी है। गिरफ्तार बांग्लादेशियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके मूल देश बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।

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गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने अवैध बांग्लादेशियों को चेतावनी दी है कि वे दो दिन के भीतर स्वैच्छिक रूप से पुलिस थाने में आत्मसमर्पण करेंअन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन अवैध घुसपैठियों को आश्रय देने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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गुजरात में बांग्लादेशियों को पहले भी नशीले पदार्थोंमानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। आज गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशियों में से दो पर अल-कायदा स्लीपर सेल के रूप में काम करने का संदेह है जिसके चलते उनकी गतिविधियों की जांच चल रही है। हिरासत में लिए गए बांग्लादेशियों का वेरिफिकेशन अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दिया है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के पास मौजूद डॉक्यूमेंट्स का सत्यापन किया जाएगा। इस बात की भी जांच की जाएगी कि यह डॉक्यूमेंट्स कैसे और किससे प्राप्त किये गये। क्योंकि कुछ बांग्लादेशियों के पास दस्तावेजी सबूत नहीं हैं तो उनका डिजिटल सत्यापन किया जाएगा। डिजिटल सत्यापन के लिए साइबर अपराध कार्यालय ले जाया गया है।

यह पता लगाया जा रहा है कि वो भारत में कैसे घुसेउन्होंने फर्जी दस्तावेज कैसे बनवाए और वे किन-किन लोगों से सम्पर्क में थे। इन सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। इनमें से कइ के पास फर्जी आधार कार्ड तक मिले हैं।

 

विधायक समेत आठ पाकिस्तानी चमचे गिरफ्तार

गुवाहाटी, 26 अप्रैल (एजेंसियां)। असम में विपक्षी विधायक अमीनुल इस्लाम को पहलगाम हमले को सरकार की साजिश बताने और पाकिस्तानपरस्त राग अलापने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सात अन्य पाकिस्तानी चमचों को भी हिरासत में लिया गया है।

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी जो आतंकी हमले के बाद किसी भी तरह से पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। इस तरह के लोगों की गिरफ्तारी आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने एक्स पर लिखाअसम ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगाजो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन करता हो। 23 अप्रैल  को विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम ने दावा किया कि 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पर हुआ हमला और पहलगाम का आतंकी हमला सरकार की साजिश थी। नागांव निवासी अमीनुल इस्लाम को इसके बाद असम पुलिस ने भड़काऊ टिप्पणी के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।

विधायक के अलावा सात अन्य लोगों को भी सोशल मीडिया पर हमले के समर्थन में बात करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक असम विश्वविद्यालय का छात्र भी है। उसने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक और भड़काऊ पोस्ट किए थे। अन्य गिरफ्तार लोगों में दो सिलचर के कछार और हैलाकांडीमोरीगांवनागांव और शिवसागर जिले से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

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