कोई बुराई पर उतर आए तो सबक सिखाना जरूरी
पहलगाम हमले पर संघ प्रमुख की तीखी प्रतिक्रिया
हिंसा हमारे स्वभाव में नहीं, पर सहना भी ठीक नहीं
नई दिल्ली, 26 अप्रैल (एजेंसियां)। पहलगाम हमले पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्ति करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह मोहन भागवत ने कहा, अहिंसा हमारा धर्म है लेकिन गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आए तो दूसरा विकल्प क्या है? राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना ही चाहिए। भागवत ने कहा, अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी करो। वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे।
पहलगाम हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, हिंदू कभी किसी से उसका धर्म पूछकर उसे नहीं मारते। यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है। उन्होंने कहा कि रावण को भी पहले सुधरने का मौका दिया गया था, लेकिन जब उसने बदलाव से इन्कार कर दिया, तब राम ने उसका अंत किया। इसके साथ ही भागवत ने आगे कहा कि हमारे दिल में दुख है, हम गुस्से में हैं। लेकिन इस बुराई को खत्म करने के लिए ताकत दिखानी होगी।
भागवत ने समाज में एकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर समाज एकजुट रहेगा, तो कोई भी दुश्मन हमें नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई हमें बुरी नीयत से देखेगा, तो उसकी आंख निकाल दी जाएगी। हिंसा हमारे स्वभाव में नहीं है, लेकिन चुपचाप सहना भी ठीक नहीं। एक सच्चे अहिंसक व्यक्ति को मजबूत भी होना चाहिए। ताकत हो और जरूरत पड़े, तो उसे दिखाना भी चाहिए।