पाकिस्तान विरोधी मोर्चे में भारत के साथ आया रूस

 पाकिस्तान ने अपना दूत मॉस्को भेजा, पर नाकाम रहा

 पाकिस्तान विरोधी मोर्चे में भारत के साथ आया रूस

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (एजेंसियां)। पहलगाम में जेहादी हमले से उपजे हालात में रूस ने भारत के पक्ष में खड़े होने का फैसला सुना दिया है। इस सिलसिले में रूस और भारत के बीच बातचीत भी हो चुकी है। रूस के उप विदेश मंत्री ने मास्को में भारत के राजदूत से इस बारे में विस्तार से बात की। रूस ने सार्वजनिक रूप से भारत का पक्ष लिया है। हमले के फौरन बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवेदनाएं व्यक्त करते हुए भारत को समर्थन देने की बात की थी। पाकिस्तान ने रूस का रुख बदलने के इरादे से फौरन अपना दूत रूस भेजा, लेकिन रूस ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपना रुख नहीं बदलेगा।

पाकिस्तान ने अपना चीन-कार्ड भी खेलने की कोशिश की, लेकिन उसमें भी कामयाब नहीं हुआ। पाकिस्तान ने खुद को बेदाग दिखाने की गरज से रूस और चीन की अगुआई में एक अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की थी। उसे लग रहा था कि उसका आका चीन उसका पक्ष लेगालेकिन पाकिस्तान की यह उम्मीद औंधे मुंह गिर गई जब चीन ने किसी प्रकार का समर्थन देने के बजाय टका पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दे दी।

रूस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि पाकिस्तान के राजदूत मोहम्‍मद खालिद जमाली के काफी अनुनय-विनय के बाद रूस के उप विदेश मंत्री ने उनसे भेंट की। इस चर्चा में रूस और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्‍न आयामों के अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव को दूर करने को लेकर भी बात हुई। रूस का आधिकारिक रूप से यह कहना है कि भारत और पाकिस्तान आपस का विवाद शांतिपूर्ण तरीके से दूर करें। इससे पूर्व रूस के उप विदेश मंत्री भारतीय राजदूत के साथ अपनी भेंट के बाद कह चुके थे कि दक्षिण एशिया की ताजा परिस्थितियों पर विस्तार से बात हुई है। भारत ने भी इस बात की तस्दीक की है कि रूस साझा रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिए तैयार है।

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