पीओके के आतंकी शिविरों में मची अफरातफरी, हमले का डर

पीओके के आतंकी शिविरों में मची अफरातफरी, हमले का डर

जम्मू, 30 अप्रैल (ब्यूरो। पाक कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवाद के ट्रेनिंग कैम्पों पर अब हमला अवश्यंभावी है। इस संबंध में हरी झंडी मिल गई है और हमले के जवाब में सीमा पार से होने वाली संभावित कार्रवाई से निपटने की तैयारी की जा रही है। हालांकि दिक्कत यह आ रही है कि पिछले तीन दिनों से इन कैम्पों को पाक सेना इधर उधर कर सैटेलाइटों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।

पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवाद के ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने की खातिर भारतीय सेना ने पूरी तैयारी कर ली है। ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने तथा उसके परिणामों से देश को बचाने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के लिए भारतीय सेना ने कुछ दिनों का समय मांगा है। पाक कब्जे वाले कश्मीर में स्थित ट्रेनिंग कैम्पों पर प्रहार करने की खातिर जो तैयारियां की गई हैं उनमें मिसाइलों की तैनाती से लेकर बोफोर्स तोपों की तैनाती तो शामिल है ही सेना की कई कमांडों यूनिटों को भी इसके लिए तैयार रखा गया है जिन्हें उनके टास्क के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है।

इन कैम्पों पर हमला करने के पीछे की हिचकिचाहट विश्व समुदाय का रुख भी है। हालांकि पाकिस्तान तथा अमेरीका इसके प्रति आशंका प्रकट करने लगे हैं कि भारत हमले का प्रतिकार करने की खातिर इन कैम्पों पर हमला कर सकता है। फिलहाल यह सुनिश्चित नही है कि आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों पर हमले के लिए सभी विकल्पों का एक साथ इस्तेमाल होगा या फिर बारी बारी से उनका प्रयोग किया जाएगा। इन ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला कर उन्हें तबाह करने के लिए जो विकल्प सुझाए जा रहे हैं उनमें सबसे प्रमुख जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल तो है ही कमांडो रेड भी शामिल हैं। हालांकि सेनाधिकारियों का विचार है कि सबसे पहले भारत को बिना एलओसी को लांघे ट्रेनिंग कैम्पों को तबाह करने की कोशिश करनी होगी जिसके लिए मिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल ही सबसे बेहतर माना जा रहा है।

यही नहींमिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों के बाद कमांडो रेड तथा हवाई हमलों के विकल्प को भी खुला रखा गया है। इन दोनों विकल्पों का इस्तेमाल उसी स्थिति में किया जाएगा जब पहले वाले दो विकल्पों से जो ट्रेनिंग कैम्प बच जाएंगे उन्हें नष्ट करने की खातिर। भारत इन प्रशिक्षण केंद्रों को तबाह करने के लिए बाद वाले दो विकल्पों का इस्तेमाल करने से परहेज करता है क्योंकि वह जानता है कि उसका अर्थ दुनिया एलओसी को लांघने के रूप में लेगी जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा अमेरिका द्वारा भी आतंकवाद के खात्मे की मुहिम के तहत किया जा चुका है।

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यह बात अलग है कि पाकिस्तान भारत के उस प्रत्येक कदम को अपनी संप्रभुता पर हमले के रूप में लेने की बात कर रहा है जो भारत द्वारा आतंकवाद के प्रशिक्षण केंद्रों को समाप्त करने के लिए उठाए जाने की बात हो रही है। यही कारण है कि सीमाओं पर जबरदस्त तनाव का माहौल बना हुआ है। सच्चाई यह है कि भारत सरकार अपने प्रत्येक उठाए जाने वाले कदम का परिणाम जानती है। वह जानती है कि उसका कोई भी कदम या विकल्प पाकिस्तान के साथ युद्ध के रूप में सामने आएगा। नतीजतन इन परिणामों को ध्यान में रखते हुए ही भारत द्वारा सीमाओं पर सेनाओं को युद्ध के लिए तैयार रखा गया है। हालांकि सेना की तैनाती की पहल पाकिस्तान द्वारा ही गई है। नतीजतन सीमाओं पर मंडरा रहे युद्ध के बादलों के बीच सारे प्रदेश में दहशत और चिंता फैली हुई है जिसमें रात्रि उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों के स्वर और बढ़ौतरी करने लगे हैं।

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