काशी में भिक्षुकों के वेश में रह रहे रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिये
वाराणसी, 30 अप्रैल (एजेंसियां)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद धर्मनगरी काशी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। मंगलवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने गोमती जोन के पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की। पता चला कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिये भिक्षुक बनकर काशी में रह रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर ने आदेश दिया कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, मंदिरों और प्रमुख पर्यटक स्थलों पर भिक्षुकों या फेरीवालों के वेश में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उनका पूर्ण सत्यापन किया जाए। अवैध रूप से निवास कर रहे व्यक्तियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे लाइन किनारे, पार्कों, गांवों के बाहरी इलाकों और खुले मैदानों में बसे लोगों का भी सत्यापन कर अवैध कब्जों को हटाने को कहा गया । मकान मालिकों को बिना सत्यापन के किसी को भी किरायेदार न बनाने की चेतावनी दी गई है।
गंगा घाट, बीएचयू परिसर और अन्य शिक्षण संस्थानों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन पर रोक के निर्देश पुलिस कमिश्नर ने दिए। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। गौ-तस्करी, अवैध शराब, मादक द्रव्यों और हथियारों की तस्करी में लिप्त व्यक्तियों व गिरोहों पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
ऑपरेशन-चक्रव्यूह के अंतर्गत प्रमुख चौराहों, सीमावर्ती मार्गों और संवेदनशील स्थानों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। बिना नंबर प्लेट के वाहनों पर शत-प्रतिशत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिसकर्मियों को रात्रि गश्त के दौरान अनुशासन और सतर्कता के साथ ड्यूटी करने और अनिवार्य रूप से सीटी (व्हीसल) का प्रयोग सुनिश्चित करने को कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने हेतु ग्राम प्रधानों और सम्मानित नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है।