महिलाएं भी कुल्हाड़ी लेकर दुश्मन से भिड़ने को तैयार

 एलओसी पर रहने वालों की देशभक्ति ठाठे मार रही

महिलाएं भी कुल्हाड़ी लेकर दुश्मन से भिड़ने को तैयार

जम्मू06 मई (ब्यूरो)। पहलगाम नरसंहार के बाद दोनों मुल्कों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते जैसे-जैसे युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं, एलओसी से सटे गांवों में रहने वाले लोग देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो रहे हैं। यहां तक कि गांवों की महिलाएं भी कुल्हाड़ी लेकर दुश्मन से भिड़ने को तैयार हैं।

एलओसी के पास गुरेज की तुलैल घाटी के गांव में लोग युद्ध की तैयारियों में लगे हैं। यहां की महिलाएं भी कुल्हाड़ी लेकर दुश्मनों से लड़ने के लिए तैयार हैं। जीरो लाइन बॉर्डर गांव किलशे सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। नजीर अहमद बताते हैं कि उनका गांव महज पाकिस्तान से 35 मिनट की पैदल दूरी पर हैं। हमारे गांव का दूसरा हिस्सा यहीं है। और यह सबसे असुरक्षित गांवों में से एक है। चाहे गोली हो या बमवह सीधे यहां आकर गिरता है। वे कहते हैं कि मैं नौ गांवों का नेतृत्व करता हूं और डरे हुए लोगों को प्रेरित करने की कोशिश करता रहता हूं।

किलशे गांव में 400 से ज्यादा घर हैं। गांवों के इस समूह में किलशे वनकिलशे टूबोआशके और राफुफी वन और टू शामिल थे। ये सभी गांव एलओसी के पास स्थित हैं। यहां केवल सीमित नेटवर्क तक ही पहुंच है। यहां कोई स्कूल नहीं हैकोई स्वास्थ्य सेवा नहीं हैकुछ भी नहीं है। यहां के लोग ठीक उसी तरह से जमीन की सेवा कर रहे हैं जैसे सेना देश की सेवा करती है। नजीर अहमद कहते हैं, हमारे पास स्टाक में कुछ भी नहीं है। जलवायु परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं। बुनियादी ढांचा कमजोर है और दुर्भाग्य से हमारे पास सुरक्षा उपायों की भी कमी है। हमें किसी भी सुविधा तक पहुंचने के लिए आठ किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलना पड़ता है। पर बावजूद इसके गांववासियों में देशभक्ति का जज्बा है जो उन्हें एकजुट रखे हुए है और वे जंग की हालत में भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

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