पहलगाम आतंकी हमले में जीवित बची विधवा ने खौफनाक मुठभेड़ का किया जिक्र

पहलगाम आतंकी हमले में जीवित बची विधवा ने खौफनाक मुठभेड़ का किया जिक्र

-जाओ मोदी से कहो

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की दिल दहला देने वाली कहानी सुनाते हुए शिवमोग्गा की एक पर्यटक पल्लवी ने अपने पति मंजूनाथ को उनके और उनके किशोर बेटे के सामने गोली मारते हुए देखने के आघात को साझा किया| परिवार छुट्टी पर था जब यह त्रासदी घटी| पल्लवी ने २२ अप्रैल की भयावह घटनाओं के बारे में बताया, जब उनकी छुट्टियां एक बुरे सपने में बदल गईं|

परिवार - पल्लवी, उनके पति मंजूनाथ और उनका १८ वर्षीय बेटा अभिजय - सैकड़ों पर्यटकों में से एक थे, जब बंदूकधारियों ने गोलीबारी की| उन्होंने कहा मंजूनाथ हमारे बेटे के लिए कुछ खाना लेने गए थे, जिसने सुबह से कुछ नहीं खाया था| कुछ ही देर बाद, हमने गोलियों की आवाज सुनी| पहले तो हमें लगा कि शायद सेना की गोलीबारी हो रही है| फिर लोग घबराकर भागने लगे| मैं घटनास्थल पर पहुंची और देखा कि मेरे पति खून से लथपथ पड़े थे| उनके सिर में गोली लगी थी|

आंसू रोकने की कोशिश करते हुए पल्लवी ने बताया कि कैसे वह और उसका बेटा एक आतंकवादी से आमने-सामने आ गए थे| मैंने उस पर चिल्लाया, ’तुमने मेरे पति को मार दिया है, मुझे भी मार दो| मेरे बेटे ने भी उसका सामना किया और चिल्लाया, ’तुमने मेरे पिता को मार दिया है, हमें भी मार दो| हालांकि, आतंकवादी ने कथित तौर पर इनकार कर दिया और डरावने अंदाज में कहा मैं तुम्हें नहीं मारूंगा| जाओ और मोदी को बताओ|

पल्लवी ने कहा कि उनका मानना है कि हमले में हिंदुओं को खास तौर पर निशाना बनाया गया था| आतंकवादियों ने सेना की वर्दी नहीं पहनी थी| उन्होंने ज्यादातर पुरुषों पर हमला किया - खासकर नवविवाहित पतियों पर - जबकि महिलाओं को छोड़ दिया| उस स्थान पर करीब ५०० पर्यटक थे|

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उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ’बिस्मिल्लाह’ का नारा लगाने वाले तीन व्यक्तियों ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में मदद की और उनके कार चालक ने पहले ही उन्हें क्षेत्र में हिंदुओं के लिए बढ़ते खतरों के बारे में चेतावनी दी थी| अभी भी सदमे में, पल्लवी ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि उनके पति के शव को हवाई मार्ग से कर्नाटक वापस लाया जाए| उन्होंने कहा हम तीनों एक साथ कश्मीर आए थे| मैं अकेली वापस नहीं जाऊंगी| मैं अपने पति और बेटे के साथ शिवमोग्गा वापस जाना चाहती हूं|

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सरकार को जरूरी इंतजाम करने चाहिए| परिवार ने १९ अप्रैल को अपनी यात्रा शुरू की थी और २४ अप्रैल को वापस लौटना था| शिवमोग्गा में मंजूनाथ का परिवार सदमे में है| उनकी मां को अभी तक उनकी मौत की सूचना नहीं दी गई है और उन्हें सिर्फ इतना बताया गया है कि वे घायल हो गए हैं| मंजूनाथ पेशे से रियल एस्टेट एजेंट थे, जबकि पल्लवी बैंक मैनेजर के तौर पर काम करती हैं|

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