जेएनयू ने तुर्किये के विवि के साथ रद्द किया समझौता
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर: तुर्किये के खिलाफ विरोध तेज
नई दिल्ली, 14 मई (एजेंसियां)। पहले नागा हमले के जवाब में भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ किए गए ऑपरेशन के बाद जेएनयू ने तुर्किये के विश्वविद्यालय के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता रद्द कर दिया है। यह निर्णय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र लिया है।
इससे पहले भारत ने पाकिस्तान को समर्थन देने के चलते तुर्किये के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। जेएनयू द्वारा रद्द किया गया समझौता तुर्किये के एक प्रमुख विश्वविद्यालय के साथ था, जिसमें शैक्षणिक और शोध सहयोग शामिल था।
इस निर्णय के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संतोष अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और भारत की विदेश नीति को ध्यान में रखकर लिया गया है।
इस घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में भारत और तुर्किये के बीच बढ़ते तनाव का हाथ है। तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के समर्थन और भारत विरोधी बयानों के बाद भारत सरकार ने विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई की है।
जेएनयू ने कहा है कि वह अब केवल उन देशों के साथ शैक्षणिक सहयोग को प्राथमिकता देगा जो भारत की संप्रभुता का सम्मान करते हैं।
तुर्किये के फलों का बायकॉट, मार्बल कारोबारियों और ट्रैवल कंपनियां भी हुई खिलाफ
तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने के बाद देशभर में बायकॉट तुर्किये अभियान ने जोर पकड़ा है। राजस्थान के किशनगढ़ के मार्बल कारोबारियों ने भी तुर्किये से आयात बंद करने की मांग उठाई है। वहीं पुणे स्थित ट्रैवल कंपनियों ने तुर्किये के टूर पैकेज बंद कर दिए हैं। मुंबई की एक बड़ी आयातक कंपनी ने बताया कि उसने तुर्किये से फल मंगवाना बंद कर दिया है। हालांकि कुछ कंपनियां अब भी व्यापार कर रही हैं, लेकिन वहां विरोध स्वर तेज हो रहा है।