अयोध्या तहसील के सरयू तटबंधों का ग्राउंड ज़ीरो निरीक्षण

बारालालपुर, गद्दौपुर सहित सरयू दायें तट के दर्जनों गांवों को बाढ़ से बचाने हेतु युद्धस्तर पर चल रहे कार्यों की समीक्षा

 अयोध्या तहसील के सरयू तटबंधों का ग्राउंड ज़ीरो निरीक्षण

लखनऊ, 18 मई। उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अयोध्या तहसील के अंतर्गत सरयू नदी के दायें तट पर चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों का ग्राउंड ज़ीरो निरीक्षण किया। यह क्षेत्र खासकर बारालालपुर, गद्दौपुर, देवारा एवं आसपास के गांवों के लिए संवेदनशील माना जाता है, जहां हर वर्ष बाढ़ की स्थिति विकराल हो जाती है।


मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि इस बार किसी भी गाँव को बाढ़ से जूझना न पड़े। इसके लिए सरयू के दायें तट पर जियो बैग रटड संरचना और परक्यूपाइन तकनीक से स्थायी समाधान के प्रयास तेज़ी से किए जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मंत्री जी को बताया कि बारालालपुर से लेकर गद्दौपुर तक के सरयू तट पर जियो बैग रटड (ळमव.ठंह त्मअमजउमदज) संरचना तैयार की जा रही है। इस तकनीक में बड़े-बड़े विशेष बैगों में रेत भरकर उन्हें किनारे पर इस ढंग से रखा जाता है जिससे जल प्रवाह तट को काट नहीं पाता।
साथ ही, परक्यूपाइन संरचना - जिसमें त्रिकोणीय पद्धति से लोहे की बनी जालियों को नदी तल में व्यवस्थित किया जाता है - का कार्य भी जारी है। यह तकनीक जल वेग को कम करने और तट की सतही मिट्टी को स्थिर करने में अत्यंत सहायक होती है।
निरीक्षण के दौरान श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कार्यस्थल पर उपस्थित अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली और कहाः “हमारी तैयारी बाढ़ आने के बाद नहीं, बाढ़ आने से पहले पूरी होनी चाहिए। फील्ड में काम का मतलब यह नहीं कि केवल काम शुरू कर दिया गया, बल्कि यह भी तय होना चाहिए कि गुणवत्ता कैसी है, सामग्री सही है या नहीं और इसका टिकाऊपन कितना है।”
उन्होंने साफ कहा कि जो अधिकारी कागज़ों पर प्रगति दिखा रहे हैं, पर जमीन पर काम नहीं करवा रहे हैं, उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता है कि इस बार किसी भी ग्रामीण को बाढ़ से पलायन नहीं करना पड़े।
निरीक्षण के दौरान मंत्री जी ने बारालालपुर और गद्दौपुर के ग्रामीणों से सीधे संवाद किया। ग्रामीणों ने बताया कि बीते वर्षों में बाढ़ आने पर उनकी फसलें, घर और सड़कें प्रभावित होती रही हैं। इस बार हो रहे कार्यों से उन्हें उम्मीद है कि स्थायी समाधान मिलेगा।
ग्रामीणों ने मंत्री जी को भरोसा दिलाया कि वे भी सरकारी प्रयासों में सहयोग के लिए तैयार हैं, बशर्ते कार्य समय पर और प्रभावी तरीके से हों।
यह क्षेत्र वर्षों से बाढ़ की मार झेलता आ रहा है। पहले की सरकारों के समय स्थायी समाधान पर ध्यान नहीं दिया गया और हर साल तटबंध कटने के बाद मरम्मत का सिलसिला चलता रहा। वर्तमान योगी सरकार ने इस चक्र को तोड़ते हुए पूर्व-तैयारी, तकनीकी समाधान और सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया है।
श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहाः “सरयू मां को शांत रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यह तभी संभव है जब हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण, पारदर्शिता और संवेदनशील प्रशासन के साथ काम करें। हमें बाढ़ से डर नहीं, बल्कि तैयारी पर भरोसा होना चाहिए।”
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी कार्य में स्थानीय तकनीशियन, अभियंता और ग्राम प्रधानों की सलाह को शामिल करें ताकि योजनाएं जन-उपयोगी बन सकें।
निरीक्षण के अंत में मंत्री जी ने कहा कि सरयू जैसी पवित्र नदी के किनारे बाढ़ नियंत्रण कार्य केवल एक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और मानवीय दायित्व है।
उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इसे सिर्फ नौकरी का काम न समझें, बल्कि इसे जनकल्याण के पुनीत कार्य के रूप में देखें।

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