सीतापुर से नेपाल और पाकिस्तान भेजे गए 50 एक्टिवेटेड सिम
सिम कार्ड फ्रॉड के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
लखनऊ/सीतापुर, 18 मई (एजेंसियां)। यूपी के सीतापुर जिले से 50 सिम कार्डों को एक्टिवेट कर नेपाल और पाकिस्तान भेजने का मामला सामने आया है। आरोपी संतराम को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। एटीएस ने बताया कि जाली दस्तावेज के आधार पर सीतापुर से 50 सिम कार्डों को एक्टिवेट कर नेपाल और पाकिस्तान भेजा गया। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के निरीक्षक अरविंद कुमार पांडेय की तहरीर पर खैराबाद पुलिस ने शनिवार को मुकदमा दर्ज कर धरैंचा निवासी संतराम को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से जाली आधार कार्ड, पहचान पत्र, पैन कार्ड, कई फोटो और संदिग्ध ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। आरोपी के तार साइबर अपराधियों से जुड़े हैं।
एटीएस को जानकारी मिली थी कि खैराबाद के धरैंचा गांव निवासी संतराम वर्ष 2022 से मोबाइल सिम कार्ड बेचने का काम करता है। आरोप है कि संतराम ने जाली दस्तावेज के आधार पर कुछ सिम एक्टिवेट किए। इन एक्टिवेटेड सिमों को संतराम ने पीलीभीत निवासी युवक के माध्यम से नेपाल तक भेजवाया। एक्टिवेटेड सिम कार्डों का उपयोग देश विरोधी गतिविधियों में किया गया है। इस इनपुट के आधार पर एटीएस सक्रिय हुई। संतराम पर नजर रखना शुरू किया। इस दौरान पता चला कि संतराम बिजवार पुलिस चौकी के पास दुकान खोलकर एक निजी मोबाइल कंपनी का पीओएस एजेंट बनकर सिम कार्डों को एक्टिवेट करता है। जांच में पता चला कि संतराम ने 50 सिम कार्डों को एक्टिवेट कर देश के बाहर भी भेजा है। संतराम बिजवार स्थित दुकान से साइबर क्राइम भी करने लगा। वह लोगों को पैसों का लालच देकर बैंक में खाता खुलवाता था और फिर उसमें साइबर क्राइम के माध्यम से रुपये जमा करवाता था। कमीशन देकर सभी पैसे निकलवा लेता था।
जाली दस्तावेज के आधार पर सिम एक्टिवेट कर नेपाल व पाकिस्तान भेजने वाला संतराम महज आठवीं पास है। धरैंचा गांव निवासी संतराम अपने गांव के लोगों से बहुत कम बातचीत करता था। ग्रामीणों के अनुसार संतराम का परिवार मजदूरी करता है। चंद समय में ही उसकी आय तेजी से बढ़ी, जिससे ग्रामीण भी दंग थे। शनिवार को एटीएस की कार्रवाई के बाद उसका राज सामने आया है। संतराम ने वर्ष 2022 में धरैंचा गांव के बाहर मोबाइल की दुकान खोली। वह सिम कार्ड बेचने के साथ मोबाइल रिपेयर का काम भी करने लगा। इसके बाद उसने साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखा। महंगे दर पर सिम कार्ड बेचकर उसने एक बाइक खरीदी। वहीं, अपने कच्चे मकान को गिराकर दो हजार वर्ग फीट में पक्का मकान बनवाया। अपनी दुकान धरैंचा से हटाकर ढेढूराई ले गया। वहां भी करीब छह माह तक रहा।
करीब डेढ़ वर्ष पहले बिजवार में पुलिस चौकी के पास सचिन मोबाइल शॉप के नाम से दुकान खोली। यहीं से एटीएस ने शनिवार को उसे गिरफ्तार किया है। एटीएस को संतराम के विभिन्न प्रदेशों के साथ विदेश में भी कुछ लोगों से संपर्क होने के साक्ष्य मिले हैं। उसके दो बैंक खातों में लाखों रुपए की रकम भी मिली है। संतराम अपनी दुकान से स्थानीय लोगों को फोन कर कमीशन पर बैंक खाते खुलवाने के लिए तैयार करता था। वह लोगों से कहता था कि बैंक खाता खुलवाने पर उनके पास 25 हजार रुपए आएंगे। इसके बाद साइबर ठगी की रकम उन्हीं लोगों के खाते में मंगवाकर तय कमीशन देकर उनसे निकलवा लेता था।
संतराम ने करीब तीन वर्ष पूर्व अपनी पत्नी शालू को छोड़कर साली से शादी कर ली। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि संतराम अपनी पहली पत्नी शालू की फोटो और जाली दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम कार्डों को एक्टिवेट करता था। संतराम ने विभिन्न लोगों के आधार कार्ड व आईडी में छेड़छाड़ भी की। वर्ष 2017 में एटीएस ने स्थानीय क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर खैराबाद, शहर कोतवाली, संदना व कुछ अन्य स्थानों से 47 हजार से अधिक एक्टिवेटेड सिम कार्ड का जखीरा बरामद किया था। बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप, एक्टिवेशन फार्म, फर्जी आइडी, पासपोर्ट, फोटो व अन्य तमाम सामान भी बरामद किए थे। ये सभी सिम कार्ड साइबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले थे।