आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है रूस

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी से कहा

 आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है रूस

आतंकियों और षडयंत्रकारियों पर एक्शन जरूरी है

प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा सचिव से की खास मंत्रणा

बगलिहार और सलाल डैम से चेनाब का पानी बंद

झेलम के किशनगंगा डैम से भी शीघ्र रुकेगा पानी

नई दिल्ली, 05 मई (एजेंसियां)। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में पूर्ण समर्थन की घोषणा की। रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को कानून के दायरे में लाने के लिए भारत सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। उसी क्रम में आज भी प्रधानमंत्री ने देश के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मंत्रणा की। पाकिस्तान के खिलाफ घेरेबंदी सख्त करते हुए भारत सरकार ने चेनाब और सलाल बांध से पाकिस्तान को जा रहा पानी पूरी तरह बंद कर दिया। इस कार्रवाई से भारतीय नागरिकों में खुशी का माहौल है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से सेंधा नमक की खरीद का बड़ा सौदा भी रद्द कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के बीच हुई बातचीत की आधिकारिक पुष्टि की। उन्होंने कहापुतिन ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही है। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने का वादा किया। पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच हुई बातचीत का समय काफी अहम है। अभी पिछले ही दिनों पाकिस्तान रूस के सामने गिड़गिड़ाया था लेकिन रूस पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने रूस से तनाव को कम करने में मदद मांगी थी। लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ और रूस ने आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जरूर जाहिर की, लेकिन उन्होंने भारत के प्रति समर्थन जताया था। इस मामले में भारत को पूरी दुनिया से समर्थन मिल रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के एक ही दिन बाद हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच यह अहम मुलाकात चल रही है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में यह अहम बैठक हुई थी। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और उन्हें अरब सागर में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की समग्र स्थिति से अवगत कराया था।

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पहलगाम हमले के बाद से लगातार शीर्ष स्तरीय बैठकों का सिलसिला जारी है। हमले के फौरन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील फैसले लिए गए थे। केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। विपक्षी दलों ने आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ सरकार की ओ से की गई किसी भी कार्रवाई के लिए अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया था। सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया। यह पाया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ। सरकार ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कड़ी कार्रवाइयां कीं। सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। इसके अलावा भी मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर कई पाबंदियां लगाईं।

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उधर, भारत सरकार ने बगलिहार और सलाल डैम के पूरी तरह बंद कर बाद पाकिस्तान पर वाटर स्ट्राइक कर दी है। चेनाब नदी के वाटर लेवल में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बगलिहार और सलाल बांधों से पाकिस्तान को जाने वाला चेनाब नदी का पानी रोक दिए जाने से सीमा पर रहने वाले भारतीयों में खुशी का माहौल है। चेनाब नदी का नजारा देख कर स्थानीय लोग हैरान भी हैं और प्रसन्न भी है। नागरिकों ने कहा, पहली बार ऐसा नजारा देखा हैपहले चेनाब का बहाव बहुत तेज होता था। अखनूर निवासी रामसुर शर्मा ने कहा, मैं 75 साल का हूंलेकिन यह पहली बार है जब मैंने देखा है कि चेनाब नदी का पानी रोका जा सकता है। मैं पीएम मोदी को उनके इस फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं। स्थानीय निवासी कल्याण सिंह ने कहामैं आज चेनाब के किनारे आया था। मैंने यहां पर देखा यहां पर जो पानी है कम से कम 25 से 30 फुट बहता था और आज इसमें महज डेढ़ से दो फुट पानी ही बचा हुआ है। ये सब हमारे मोदी जी के कारण है। उग्रवादियों ने हमारे जो 28 लोगों की जान ली है उसके संदर्भ में जो मोदी जी ने सिंधु जल समझौते को रद्द किया है। उससे हमें बहुत ज्यादा खुशी है। पाकिस्तान आने वाले समय में बूंद-बूंद को तरसेगा। हम यह चाहते हैं कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान को नहीं दिया जाना चाहिए। यह पानी किसी और जगह पर इस्तेमाल किया जाए। हमारा पूरा अखनूर का इलाकाहम भारतीय सेना के साथ हैं और पीएम मोदी के साथ हैं। पीएम मोदी का जो भी फैसला है वो बहुत ही अच्छा है।

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चेनाब नदी पर बने बगलिहार डैम और सलाल डैम से पानी रोक दिए जाने के बाद अब झेलम नदी पर बनाए गए किशनगंगा बांध से पानी रोकने की योजना बनाई जा रही है। रामबन में प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रविवार को सुबह-सुबह बगलिहार डैम से पानी रोक दिया गया था। बांध के सभी गेट बंद कर दिए गए। कुछ दिन पहले ऊपरी इलाकों में भारी बारिश हुई थी और रियासी की ओर पानी के प्रवाह की अनुमति देने के लिए गेट खोले गए थे और सलाल डैम से पानी का प्रवाह फिर से रोक दिया गया था। रियासी और अखनूर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इससे पाकिस्तान में कुछ नुकसान हुआ। लेकिन आज सुबह बगलिहार डैम के गेट बंद कर दिए गए और पानी का बहाव पूरी तरह बंद हो गया। रामबन और डाउनस्ट्रीम में चेनाब नदी का तल पूरी तरह सूख गया है। रियासी में सलाल डैम से पानी का बहाव भी कम हो गया है और अखनूर और जौरियन में भी पानी का स्तर काफी कम हो गया है। इससे पाकिस्तान में पानी का संकट और बढ़ गया है। बगलिहार बांध में पर्याप्त जलभराव बनने में करीब तीन दिन लगते हैं। पुल डोडा से आगेबटोटे-किश्तवाड़ रोड पर डोडा जिले के प्रेम नगर कस्बे के पास एक बड़ी झील बन जाती है।

रियासी में सलाल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में एनएचपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डोडा और किश्तवाड़ के ऊपरी इलाकों में बारिश हुई है और बगलिहार में जलाशय ऊपर तक भर गया है। बाढ़ के साथ गाद बनती है और फ्लशिंग की प्रक्रिया जरूरी हो जाती है। इस कारण पहले गेट खोले जाते हैं ताकि गाद और कीचड़ बाहर निकल जाए और फिर बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद डाउनस्ट्रीम में नदी सूख जाती है और जलाशय को फिर से भरने में कुछ समय लगता है। एनएचपीसी अधिकारी ने जल प्रतिबंध से संबंधित मुद्दे को कमतर आंकते हुए कहा कि बमुश्किल दो दिन पहले ही अखनूर और जौरियां क्षेत्रों में चेनाब नदी में भारी बाढ़ आई थी। बांध भर जाने के बाद सलाल बांध के गेट खोल दिए गए थे। गाद को बाहर निकाल दिया गया है और यह प्रक्रिया जारी है। उन्होंने सिंधु जल संधि के उल्लंघन पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि वे भारत सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैंलेकिन इस समय चेनाब के पानी को पूरी तरह से रोकना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।

भारतीय अधिकारी अखनूर से एक और बड़ी नहर बनाने पर विचार कर रहे हैंताकि जम्मू जिले के शेष क्षेत्रों को रामगढ़ और सांबा और कथूस जिलों के कुछ हिस्सों में सिंचाई की जा सके। अखनूरजौरियां और खौर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पड़ने वाली पुरानी प्रताप नहर को एडवांस करने और पानी को अंतिम छोर तक ले जाने की व्यवहार्यता की भी जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इतना ही नहीं अधिकारी परगवाल सेक्टर के लगभग 35 गांवों और घरोटा और कोट भलवाल के कंडी बेल्ट को भी चेनाब नदी के पानी का लाभ देने की योजना बना रहे हैं।

बगलिहार डैमजो रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रो पावर प्लांट के रूप में बनाया गया थाअब पानी के प्रवाह को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले इस डैम से बिना रुकावट पानी बहता था और बिजली पैदा की जाती थीलेकिन अब भारत ने इसे हथियार बना लिया है। चेनाब नदी का पानी पाकिस्तान के पंजाब में खेतों की सिंचाई के लिए जीवन रेखा है। इस कदम से वहां की कृषि और अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान होगा। इतना ही नहींभारत अब झेलम नदी पर बने किशनगंगा डैम के जरिए भी पानी रोकने की तैयारी कर रहा है। इन डैमों से भारत पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता हैयानी बिना चेतावनी के पानी कम या ज्यादा कर सकता हैजो पाकिस्तान के लिए तबाही ला सकता है।

उल्लेखनीय है कि सिंधु जल संधि के तहत छह नदियों का बंटवारा हुआ था। पूर्वी नदियां (सतलुजब्यासरवि) भारत को और पश्चिमी नदियां (सिंधुचेनाबझेलम) पाकिस्तान को मिली थीं। लेकिन भारत में लंबे समय से इस संधि पर सवाल उठते रहे हैं। कई लोग मानते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसमें जरूरत से ज्यादा उदारता दिखाई। 19651971 और 1999 की जंगों में भी भारत ने यह संधि नहीं तोड़ीलेकिन इस बार पाकिस्तान की आतंकी हरकतों का जवाब देने के लिए भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। पहलगाम हमले के बाद संधि को निलंबित कर चेनाब का पानी रोकना भारत का कूटनीतिक और रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक है। पाकिस्तानजो अपनी 80 प्रतिशत कृषि के लिए सिंधु नदी सिस्टम पर निर्भर हैअब जंग की धमकी दे रहा है। लेकिन भारत का यह वाटर अटैक तो बस शुरुआत हैआगे और सबक सिखाए जाएंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक शिकंजा कसते हुए भारत सरकार ने आयात पर रोक लगा दी है और बड़ी संख्या में वहां से आने वाले सेंधा नमक के ऑर्डर भी रद्द कर दिए हैं। नए ऑर्डर भी लेना बंद कर दिया गया है। चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मंत्री अशोक लालवानी ने बताया कि पाकिस्तान से सेंधा (लाहौरी) नमकछुहारेकाली किशमिश और सब्जा के बीज पाकिस्तान से आयात होते थे। अंजीरमुनक्का अफगानिस्तान से पाकिस्तान के जरिए पहुंचते थे। लेकिन इन सब पर पूरी तरह रोक लग गई है। सेंधा नमक की हर महीने 250 से 300 टन550-600 टन छुहारे15 टन में पिस्ता-काली किशमिश और सब्जा के बीज का व्यापार होता है। पाकिस्तान से आयात बंद होने से थोक विक्रेताओं ने फिलहाल सेंधा नमक के बड़े ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। नए ऑर्डर नहीं लिए जा रहे हैं। आगरा किराना कलर एंड केमिकल कमेटी के सदस्य पवनदीप कपूर ने बताया कि जिले में मेवे के करीब 30 थोक व्यापारी हैं। हमारे यहां मुनक्कापिस्ताअंजीर अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते आते हैं। आगरा में 25-30 टन अंजीर40-50 टन मुनक्का का व्यापार है। अब दूसरे देशों के रास्ते से इनका आयात होगा। यातायात का खर्च बढ़ने से असर इनकी कीमतों पर पड़ेगा। वैसेदेशहित में पूरा व्यापारी वर्ग भारत सरकार के निर्णय के साथ खड़ा है। पाकिस्तान से आयात बंद होने से सूती कपड़ों की कीमतों पर असर पड़ सकता है। वहां से कपास का आयात होता है। सूती कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ी है। इससे शर्टधोतीअंडरगारमेंटमहिलाओं के परिधान बनाए जा रहे हैं। बांग्लादेश से भी रिश्ते बेहतर नहीं हैं। ऐसे में सूती कपड़ों की कीमत बढ़ सकती है। पाकिस्तान से आयात बंद होने से हमारे देश में चंद पर ही असर पड़ेगालेकिन पाकिस्तान को भारी नुकसान होगा।