महर्षि वाल्मीकि आश्रम और गोरख गिरी पर लगेंगे रोप-वे
छात्रों ने विस्टाडोम ट्रेन से देखा दुधवा और कतर्नियाघाट
लखनऊ, 18 मई (एजेंसियां)। पर्यटन विभाग ने राज्य के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों चित्रकूट स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम और महोबा के गोरख गिरी पर्वत पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास की तैयारी की है। प्रस्तावित परियोजना के अंतर्गत दोनों स्थलों पर विश्व स्तरीय रोप-वे प्रणाली स्थापित की जाएगी, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी। सुरक्षा, कार्यक्षमता और स्थायित्व को ध्यान में रखकर योजना पर कार्य किया जाएगा।
यह जानकारी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार के इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य धार्मिक स्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान बनाना है। चित्रकूट-प्रयागराज राजमार्ग स्थित ग्राम बगरेही स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम में रोप-वे निर्माण की योजना तैयार की गई है। लगभग 8,920 वर्ग मीटर भूमि इस परियोजना के लिए चिन्हित की गई है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह स्थल रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि से जुड़ा है। श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का केंद्र है। वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 के माध्यम से पहाड़ियों के आधार तक पहुंचा जा सकता है।
मंत्री बताया कि इसी प्रकार सिद्ध बाबा मंदिर के लिए प्रस्तावित रोप-वे बुंदेलखंड क्षेत्र में महोबा जनपद के गांव रहेलिया स्थित गोरख गिरी पर्वत पर बनेगा। यह पवित्र स्थल गुरु गोरक्षनाथ से जुड़ा है। उक्त मंदिर महोबा शहर से लगभग 02 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रद्धालुओं की मंदिर तक आसानी से पहुंच प्रदान करने के लिए रोप-वे का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए कुल 9,750 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई है। ये दोनों रोप-वे सबसे उपयुक्त रूट पर डिजाइन किए जाएंगे, जिसमें भौगोलिक परिस्थितियों, मौसम और भूकंपीय स्थितियों, यात्रा पैटर्न और साल भर होने वाले मौसमी बदलावों को ध्यान में रखा जाएगा। इन रोप-वे प्रणालियों को हर मौसम में संचालित करने योग्य और अत्यधिक विश्वसनीय बनाया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक, श्रेष्ठ गुणवत्ता और उच्च सुरक्षा मानकों को अपनाया जाएगा।
दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने और युवाओं को ईको पर्यटन के प्रति जागरूक करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को बहराइच के महाराज सिंह इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कालेज और आज़ाद इंटर कॉलेज के 30 विद्यार्थियों को विस्टाडोम ट्रेन से दुधवा नेशनल पार्क और कतर्नियाघाट का भ्रमण कराया गया।
सभी विद्यार्थी युवा टूरिज्म क्लब के सदस्य थे जो कि पर्यटन सूचना अधिकारी मनीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में सुबह 10 बजे कतर्नियाघाट पहुंचे। यहां उन्हें इंटरप्रिटेशन सेंटर और घड़ियाल सेंटर का भ्रमण कराया गया। इंटरप्रेटेशन सेंटर में वन विभाग द्वारा 30 मिनट की प्रस्तुति दी गई, जिसमें इको-टूरिज्म के विषय में जानकारी साझा की गई। इसके बाद सुबह 11:40 बजे बच्चों को बिछिया रेलवे स्टेशन से पलिया कला रेलवे स्टेशन तक विस्टाडोम कोच में यात्रा कराई गई। रास्ते भर छात्राओं ने प्रकृति की मनोरम छवियों को देखा, जंगलों की जैव विविधता को निहारा और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझा।
इस दौरान छात्राओं को दुधवा और कतर्निया के समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र, बाघों, दलदली बारहसिंगा, गैंडों और दुर्लभ पक्षियों की जानकारी दी गई। छात्राएं जंगल की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत दिखीं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि युवा टूरिज्म क्लब के माध्यम से हम नई पीढ़ी को न केवल राज्य के पर्यटन स्थलों से जोड़ रहे हैं, बल्कि उनमें प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति संवेदनशीलता भी विकसित कर रहे हैं। यह अभियान उत्तर प्रदेश को ईको टूरिज्म के राष्ट्रीय मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करेगा।