सुरक्षाबल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार: मनोज सिन्हा
सीएम उमर अब्दुल्ला भी पहुंचे बेघर हुए लोगों का हालचाल पूछने
जम्मू, 09 मई (ब्यूरो)। प्रदेश में युद्ध के करीब के हालात में पाक गोलाबारी में घायल तथा बेघर होने वालों का हालचल पूछल अगर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मैदान में हैं तो उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी पीछे नहीं हैं। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सरकारी मेडिकल कालेज (जीएमसी) जम्मू का दौरा किया और हाल ही में सीमा पार से हुई गोलाबारी की घटनाओं में घायल हुए नागरिकों का हालचाल जाना। जबकि वे विस्थापितों के लिए बनाए गए कैंपों में भी गए। ठीक इसी प्रकार उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उड़ी का दौरा किया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घायलों और उनके परिवारों से बातचीत की और उन्हें पूर्ण चिकित्सा सहायता और आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया। उमर ने अपने दौरे के दौरान कहा कि हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से कई ड्रोन हमलों की रिपोर्ट के मद्देनजर स्थिति की व्यापक समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं जमीनी हालात का जायजा लूंगा और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा और नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय करूंगा।।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद इटू और कृषि मंत्री जावेद डार ने घायल नागरिकों से मिलने और स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था का आकलन करने के लिए जीएमसी बारामुला का दौरा किया। यह दौरा सीमा पर बढ़ते तनाव और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन और गोलाबारी में हताहतों के बीच हुआ है। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा कल शाम यहां कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमलों की बौछार के बाद भारतीय सशस्त्र बल किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
उड़ी सेक्टर में स्थिति का आकलन करने के बाद एलजी मनोज सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रयास किए गए, लेकिन भारतीय सशस्त्र बल किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि यहां के लोगों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। मैं सीमावर्ती क्षेत्रों के उन गांवों में गया, जहां नुकसान हुआ है। घायलों और मृतकों के परिवारों को अनुग्रह राशि दी गई है।