ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल ने फिर उठाए सवाल
राहुल गांधी की भारत विरोधी हरकतें और बयानबाजी जारी
पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह कर रहे व्यवहार
नई दिल्ली, 23 मई (एजेंसियां)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत विरोधी हरकतें और बयानबाजियां जारी हैं। देश की सुरक्षा संवेदनशीलता का ध्यान रखे बगैर राहुल गांधी ऑपरेशन सिंदूर पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। उनमें यह आत्ममंथन करने की क्षमता भी नहीं रही कि वे यह समझ सकें कि वे पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों को पूरी तरह गलत प्रस्तुतीकरण बता चुका है। इसके बावजूद राहुल गांधी ने फिर से उन्हीं सवालों को उठा कर अपनी असलियत का फूहड़ प्रदर्शन किया है। जबकि कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेता विदेशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर की अनिवार्यता पर बात कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कैसे फूहड़ और हास्यास्पद सवाल पूछे, इसकी बानगी देखिए। उन्होंने पूछा, क्या जेजे बताएंगे भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ दिया गया है? पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए किसने कहा? ऐसे बेवकूफाना सवाल पूछ कर राहुल ने खुद ही यह भी कह दिया कि भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है। इसके संक्षिप्त और सटीक जवाब में भाजपा ने राहुल गांधी को निशान-ए-पाकिस्तान बताया। पार्टी ने कहा, राहुल भारतीय सशस्त्र बलों का पराक्रम को कमतर साबित करने और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करके देश की सुरक्षा को खतरे में डालना बंद कर दें।
इसके पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। राहुल ने पूछा था कि भारतीय वायुसेना ने कितने विमान मारे गए? राहुल ने यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई कि भारत ने पाकिस्तान के कितने विमान मार गिराए या कितने सैन्य ठिकाने नष्ट किए। विदेश मंत्रालय ने उस समय भी कहा था कि 1991 की संधि के मुताबिक पाकिस्तान के गैर सैनिक ठिकानों पर हमला किए जाने के बारे में टास्क पूरा होने के बाद बताया गया था। भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को 1991 में पाकिस्तान से किए गए समझौते के बारे में ज्ञान दिया, जिसमें तत्कालीन सरकार ने यह समझौता किया था कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से करेगा। भाजपा सांसद दुबे ने राहुल गांधी से पूछा था, राहुल गांधी बताएं कि क्या 1991 का वह समझौता देशद्रोह था?
दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल करने के लिए पाखंड करने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद ने कांग्रेस समर्थित सरकार के दौरान हस्ताक्षरित 1991 के भारत-पाक सैन्य पारदर्शिता समझौते का हवाला देते हुए कांग्रेस के पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ लंबे समय से जुड़े होने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, सवाल हमारी सरकार और आपकी (कांग्रेस) सरकार का नहीं है, सवाल यह है कि 1947 से हम पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र मानते हैं, 78 साल से कश्मीर के मुद्दे पर हमारी उनके साथ लड़ाई चल रही है। हमारे कश्मीर के हिस्से को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर रखा है। उसके बावजूद आप (कांग्रेस) छूट देते रहे, चाहे 1950 का नेहरू लियाकत समझौता हो, 1960 का सिंधु जल समझौता हो या 1975 का शिमला समझौता। हम संसद में भी रक्षा की रणनीति के विषय पर चर्चा नहीं करते, लेकिन 1991 में जब आप (कांग्रेस) चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे थे और 1994 में जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब इसे (समझौते को) लागू किया गया और आपने लिखा कि सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी। ये सारी बातें क्या देशद्रोह नहीं है? कांग्रेस ने क्या वोटबैंक की राजनीति के लिए धोखा नहीं किया? मुझे लगता है कि भारत सरकार को इसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। इस देश के बाहर के तत्वों से तो लड़ाई जारी है, लेकिन देश के भीतर के ऐसे तत्वों पर भी कार्रवाई करने का समय आ गया है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि वे भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को कमतर आंकना बंद करें और चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करके देश की सुरक्षा को खतरे में डालना बंद करें। राहुल को निशान-ए-पाकिस्तान कहते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कांग्रेस नेता की टिप्पणी का इस्तेमाल इस्लामाबाद भारत को बदनाम करने के लिए कर रहा है। भाटिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, राहुल गांधी, आप तय करें कि आप किस तरफ हैं। आपको तय करना होगा कि आप भारत के विपक्ष के नेता हैं या पाकिस्तान के निशान-ए-पाकिस्तान। भाटिया ने कांग्रेस नेता से आग्रह किया, राहुल गांधी हमारे बहादुर सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता को कमतर आंकना बंद करें, ऐसे सवाल पूछना बंद करें जो नहीं पूछे जाने चाहिए। वे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल की टिप्पणी को बचकाना व्यवहार कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे सवाल जानबूझकर पूछना राहुल गांधी का मुख्य चरित्र रहा है, जो हमारे देश के प्रति शत्रुतापूर्ण राष्ट्रों के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं।