यूपी में एआई-ड्रोन सीख रहे श्रमिकों के बच्चे

यूपी में एआई-ड्रोन सीख रहे श्रमिकों के बच्चे

लखनऊ24 मई (एजेंसियां)। जो बच्चे कभी स्कूल तक नहीं पहुंच पाते थेआज वे इसरो के वैज्ञानिकों के सामने अपनी टेक्नोलॉजी पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह उत्तर प्रदेश के अटल आवासीय विद्यालयों में संभव हो रहा है। मजदूरों और कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरू किए गए इन विद्यालयों ने महज शिक्षा नहींबल्कि नवाचार और आत्मविश्वास की नींव रख दी है।

प्रदेश के 17 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित हैं। मुरादाबाद में इसका उद्घाटन होना है। वर्तमान में इन विद्यालयों में 10,947 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। खास बात यह है कि यहां लड़कों और लड़कियों का समान अनुपात (50:50) सुनिश्चित किया गया है जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल है। ये विद्यालय बीओसीडब्ल्यू बोर्ड से पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों और कोविड-19 में निराश्रित हुए बच्चों के लिए समर्पित हैं।

अटल विद्यालय सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं हैं। यहां एआईड्रोन और स्पेस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई हो रही है। छात्र-छात्राएं न केवल टेक्नोलॉजी सीख रहे हैंबल्कि उसका अभिनव प्रयोग भी कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है 25 जनवरी 2025 को आयोजित स्पेसटेक एक्सपो 2025 मेंजो अटल आवासीय विद्यालयलखनऊ में हुआ। इस आयोजन में प्रदेश के सभी मंडलों के विद्यालयों ने भाग लिया और बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट्स से सबको चौंका दिया। बच्चों की इस प्रतिभा प्रदर्शन को सराहने स्वयं इसरो (एसएसीके निदेशक अटल विद्यालय लखनऊ पहुंचे। उन्होंने बच्चों को सम्मानित किया और विद्यालय की व्यवस्था की खुले मन से प्रशंसा की। इससे पहले कई मेधावी छात्र-छात्राओं को इसरो भ्रमण पर भी भेजा गया थाजिससे उनका आत्मविश्वास और जिज्ञासा दोनों को नई उड़ान मिली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मार्च में बरेली में अटल आवासीय विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर अटल विद्यालयों को शिक्षा का मॉडल बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा इंटीग्रेटेड परिसर हैजहां छात्रों को शिक्षा के साथ रहनेभोजनखेललाइब्रेरी और कौशल विकास के सभी अवसर समान रूप से मिलते हैं। सीएम योगी ने कहा कि पहले इस सेस का दुरुपयोग होता थालेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी के निर्देश पर इसे बच्चों के भविष्य निर्माण में लगाया जा रहा है।

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श्रमिक वर्ग के जिन बच्चों को पहले मुख्यधारा से बाहर माना जाता थावही आज तकनीकी दुनिया में नई पहचान बना रहे हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का आत्मविश्वासउनके विचार और उनका कौशल दर्शाता है कि यदि सही दिशा और संसाधन मिलेंतो वे राष्ट्र निर्माण के सशक्त वाहक बन सकते हैं। उत्तर प्रदेश में अटल आवासीय विद्यालय अब केवल स्कूल नहींबल्कि टैलेंट की प्रयोगशाला बन चुके हैंजहां हर बच्चा अपने भीतर एक वैज्ञानिकइंजीनियर या राष्ट्रसेवक का सपना संजो रहा हैऔर उसे पूरा भी कर रहा है। इन विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चयनित बच्चों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। शिक्षकों के लिए नियमित प्रशिक्षण और ओरियंटेशन कोर्स आयोजित किए जाते हैंताकि बच्चों की शिक्षा और रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम को सरल और प्रभावी बनाया जा सके।

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सरकार का उद्देश्य मजदूरों के सिर्फ सम्मान तक ही सीमित नहीं हैंसरकार की योजनाएं और इसके सफलता के आंकड़े खुद ही सरकार की श्रमिकों के प्रति मंशा को जाहिर कर रहें हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोयाउनके लिए योगी सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक अभिनव कदम उठाया। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों एवं कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों के व्यवस्थित पठन-पाठन के लिए प्रदेश के सभी मंडलों में सर्व सुविधायुक्त अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। अटल आवासीय विद्यालयमुरादाबाद का लोकार्पण कराया जाना प्रस्तावित है

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