लोकतांत्रिक व्यवस्था में गुंडागर्दी नहीं चल सकती: सी.टी. रवि
-निजामगिरी प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं
कलबुर्गी/शुभ लाभ ब्यूरो| विधान परिषद सदस्य सी.टी. रवि ने कहा कि प्रियांक खड़गे ने खुद कहा, निजाम का फतवा १९४८ में पारित हुआ था| आप निजाम के वारिस नहीं हैं, लोकतंत्र में निजामवाद दिखाने की कोशिश न करें| यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में गुंडागर्दी नहीं चल सकती| लोकतंत्र और गुंडागर्दी एक साथ नहीं चल सकते| एक विपक्षी पार्टी के नेता को राज्य का छाया मुख्यमंत्री कहा जाता है|
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आपका अत्याचार लोकतंत्र के खिलाफ अत्याचार के समान है| हमेशा संविधान की बात करने वाले प्रियांक खड़गे क्या यह संविधान का सम्मान करने जैसा कार्य है? क्या आपको घटना के बाद पद्म विभूषण देना चाहिए था? उन्होंने इस पर आपत्ति जताई कि ऐसा करके आप यह कह कर हमले को उचित ठहरा रहे हैं कि यह हमला आपने ही किया है| सत्ता में बैठे लोगों की जिम्मेदारी अधिक होती है| अपना व्यवहार जिम्मेदाराना रखें| यदि आप स्वाभाविक रूप से नाराज हैं, तो आपके पिता, जो कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं, को उस समय चुनाव से बाहर रखा गया, जब वे केरल के वायनाड में अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे थे| आपको तब नाराज होना चाहिए था| उन्होंने याद दिलाया कि वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नामांकन प्रक्रिया के दौरान बाहर असहाय छोड़ दिया गया था| यद्यपि हम कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं, फिर भी हमें यह देखकर दुख हुआ कि कांग्रेस पार्टी ने मल्लिकार्जुन खड़गे की राजनीतिक वरिष्ठता और उनकी बढ़ती उम्र दोनों का सम्मान नहीं किया|
अगर प्रियांक खड़गे ने उस समय गुस्सा दिखाया होता तो वह स्वाभाविक गुस्सा होता| आइए देखें, आपकी पार्टी के एक प्रमुख नेता ने जब कहा कि हम भविष्य में संविधान बदल देंगे, तो क्या आपने उस पर अपना आक्रोश व्यक्त किया था| यह एक स्वाभाविक आक्रोश होता, संविधान के प्रति चिंता से उत्पन्न आक्रोश| लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला| क्या अब आप अपने निजाम को दिखाने जा रहे हैं? निजामशाही कायम नहीं रहेगी| उन्होंने कहा कि अब जो अस्तित्व है वह लोकतंत्र है| यदि आप अपना निजामशाही व्यवहार त्याग देंगे तो लोकतंत्र में उन्नति होगी| यदि आप निजामशाही वंश का आचरण जारी रखेंगे तो आपका विकास नहीं होगा| उदाहरण के लिए, सरकार द्वारा लगाया गया आपातकाल पराजित हो गया और देश ने आपातकाल का जवाब दिया| अगर किसी को लगता है कि वे अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं और सभी सेनानियों को खत्म कर सकते हैं| आपकी सत्ता कब तक रहेगी, आप कब तक सत्ता में रहेंगे? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सत्ता स्थायी है?