यूपी फॉरेस्ट फोर्स का होगा आधुनिकीकरण
वन संरक्षण, प्रबंधन और वन अपराध रोकने के लिए जरूरी
लखनऊ, 12 जून (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश वन एवं वन्यजीव विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यूपी फॉरेस्ट फोर्स के आधुनिकीकरण की कार्ययोजना तैयार की है। यूपी के वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में वन संरक्षण, प्रबंधन, और वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के लिए यूपी फॉरेस्ट फोर्स को आईटी और एआई तकनीकी एवं सेंसर युक्त कैमरे, जीपीए, ट्रैकिंग डिवाइस के प्रयोग से आधुनिकृत किया जाएगा।
इसके साथ ही एकीकृत वन प्रबंधन प्रणाली और रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर की स्थापना करना भी शामिल है। यह पहल न केवल प्रदेश में वन संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देगी, बल्कि डेटा-आधारित निर्णय और त्वरित कार्रवाई से वन अपराधों में कमी को भी सुनिश्चित करेगी। उत्तर प्रदेश, जो अपनी समृद्ध जैव-विविधता और वन संपदा के लिए जाना जाता है, लंबे समय से अवैध कटाई, वन्यजीव तस्करी और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रदेश के वन एवं वन्यजीव विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के प्रयोग से यूपी फॉरेस्ट फोर्स को अधिक सतर्क और सुदृढ़ बनाने की कार्य योजना तैयार की है।
वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश के जंगलों, टाइगर रिजर्व, सफारी और नेशनल पार्कों में रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर की स्थापना करने जा रहा है। ये केंद्रीकृत कमांड सेंटर, डिजिटल नियंत्रण प्रणाली के जरिए वन एवं वन्यजीव प्रबंधन से संबंधित सभी प्रमुख कार्यों की निगरानी करेगा और उनका डेटा एकत्रित करेगा। कमांड सेंटर में एकत्रित डेटा के एनालिसिस से वन अपराधों, आग की घटनाओं, और वन्यजीवों की आवाजाही की तत्काल जानकारी उपलब्ध होगी। जो कि इन अप्रत्याशित घटनाओं एवं आपराधिक गतिविधियों के संबंध में त्वरित एवं प्रभावी निर्णय लेने में सहायक होगा। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य आधुनिक तकनीक के उपयोग से प्रदेश में वन प्रबंधन और संरक्षण को अधिक कुशल और त्वरित बनाना है। उन्होंने बताया कि आईएफएमएस और केंद्रीकृत कमांड सेंटर के जरिए हम न केवल वन अपराधों को कम कर पाएंगे, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को भी नियंत्रित कर सकेंगे।