स्नातक में हिंदी या संस्कृत भाषा की दक्षता अनिवार्य
राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय
लखनऊ, 09 जून (एजेंसियां)। शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रमों में अंग्रेजी के साथ हिंदी या संस्कृत की भाषा दक्षता अनिवार्य की गई है। साथ ही पर्यावरण, योग, संविधान जैसे वैल्यू एडेड कोर्स भी पढ़ाए जाएंगे। दिव्यांग छात्रों के लिए परीक्षा में सुविधा देने के फैसले भी लिए गए हैं।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रमों में भाषायी दक्षता को अनिवार्य कर दिया गया है। कुलपति संजय सिंह की अध्यक्षता में रविवार को विवि की विद्या परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब विद्यार्थियों को पहले व दूसरे सेमेस्टर में अंग्रेजी तथा तीसरे और चौथे सेमेस्टर में हिंदी या संस्कृत भाषा की दक्षता प्राप्त करनी होगी। प्रत्येक भाषा के लिए दो-दो क्रेडिट निर्धारित किए गए हैं, यानी कुल आठ क्रेडिट में भाषा दक्षता की पढ़ाई करनी होगी।
बैठक में मल्टीडिसीप्लिनरी कोर्स की व्यवस्था भी तय की गई। स्नातक स्तर पर मल्टी डिसीप्लिनरी कोर्स के रूप में नेचुरल व फिजिकल साइंस, मैथमेटिक्स स्टेटिस्टिक्स, कंप्यूटर एप्लीकेशन, ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस, कॉमर्स व मैनेजमेंट, लाइब्रेरी इन्फॉर्मेशन व मीडिया साइंस में से किसी तीन को प्रथम द्वितीय व तृतीय सेमेस्टर के अंतर्गत चुनना होगा।
स्नातक छात्रों को पहले सेमेस्टर में पर्यावरणीय शिक्षा (जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, अपशिष्ट प्रबंधन आदि) पढ़ना अनिवार्य होगा। वहीं दूसरे सेमेस्टर में योग, खेल, डिजिटल समाधान या भारतीय संविधान में से एक विषय चुनना होगा। सभी कोर्स तीन क्रेडिट के होंगे। विशेष शिक्षा संकाय का नाम अब शिक्षा संकाय होगा और सभी संबंधित विभागों को विशेष शिक्षा विभाग में समाहित कर दिया गया है। पीएचडी उपाधियों का नाम अब पीएचडी इन एजुकेशन एंड स्पेशल एजुकेशन होगा। साथ ही बीएड स्पेशल एजुकेशन कोर्स 2026-27 से चार वर्षीय कर दिया गया है। विवि की स्वामी विवेकानंद केंद्रीय लाइब्रेरी अब सुबह 9:30 से शाम 7 बजे तक खुलेगी। दृष्टिबाधित व ऑर्थोपेडिक हैंडीकैप्ड विद्यार्थियों के लिए श्रुति लेखकों को मध्य सत्र परीक्षा में 200 रुपए और सत्रांत परीक्षा में 300 रुपए प्रति पाली के हिसाब से भुगतान किया जाएगा