रेस्क्यु टीम पर बाघ का हमला, हाथियों के चिंघाड़ से भागा
पीलीभीत, 16 जून (एजेंसियां)। पीलीभीत के हजारा क्षेत्र में महिला की जान लेने वाला बाघ अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। रेस्क्यु टीम उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन रविवार रात बाघ ने टीम के वाहन पर दो बार हमला किया। जिससे वनकर्मी बाल-बाल बचे। पीलीभीत के हजारा क्षेत्र में बाघ को ट्रेंकुलाइज करने टीम के साथ पहुंचे डॉ. दयाशंकर के वाहन पर बाघ ने दो बार झपट्टा मारा, जिससे हड़कंप मच गया। दोबारा बाघ के छलांग लगाने पर हाथी चिंघाड़ने लगे। इससे बाघ फिर नाले में चला गया। बाघ के झपट्टा मारने से ट्रेंकुलाइज टीम हिम्मत हार गई और अभियान को रात में रोक दिया गया। आधी रात को बाघ ने नानक फार्म के हरदीप के घर में घुसकर पड्डे को मार डाला। उसे समीप के खेत में खींच ले गया। इस घटना के बाद टीम अलर्ट हो गई है।
हजारा थाना क्षेत्र में गांव शांतिनगर के समीप रामकिशोर की पत्नी रेशमा को तीन जून की शाम घर से उस समय बाघ खींच ले गया था, तब वह बर्तन धो रही थीं। बाघ ने रेशमा को खेतों में ले जाकर मार डाला था। तब से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम क्षेत्र में डेरा जमाए हुए है। बाघ पकड़ में न आने पर बाघ को ट्रेंकुलाइज कराने को दुधवा से दो हाथी मंगवाए गए। रविवार पूरे दिन अभियान चलने के बाद शाम बाघ के नाले में छिपे होने की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची।
टीम में टाटा सूमो पर डॉ. दयाल शंकर, संपूर्णानगर रेंजर थे। जबकि अन्य वाहन पर डिप्टी रेंजर और अन्य लोग थे। पीछे दोनों हाथी भी चल रहे थे। रात करीब नौ बजे रोड किनारे बैठे बाघ ने टाटा सूमो पर छलांग लगा दी। इससे ट्रेंकुलाइज टीम बाल-बाल बच गई। इसके बाद बाघ फिर नाले की ओर चला गया। दो घंटे निगरानी और घेराबंदी के बाद फिर नाले से निकला बाघ टाटा सूमों पर झपटा। गनीमत रही कि वाहन के शीशे बंद थे। इस दौरान दोनों हाथी चिंघाड़ने लगे। इस पर बाघ फिर नाले की ओर चला गया।
बाघ के दो बार हमला करने पर ट्रेंकुलाइज टीम हिम्मत हार गई। रात करीब 10 बजे बाघ को ट्रेंक्यूलाइज करने का अभियान रोक दिया गया। नाइट विजन के ड्रोन कैमरा निगरानी के लिए उड़ाया गया, जिसमें बाघ के नाले में लेटा दिखा। टीम के वापस लौटने पर बाघ ने रात करीब डेढ़ बजे नानक फार्म के हरदीप के घर में घुसकर पड्डे को खेत में खींच ले गया। घटना की जानकारी पर सोमवार को टीम पहुंची। पड्डे के पास बाघ के फिर लौटकर आकर मांस खाने की आशंका पर ट्रेंकुलाइज टीम वहां लग गई। हालांकि शाम तक सफलता नहीं मिली। संपूर्णानगर रेंजर अनिल कुमार ने बताया कि बाघ ने दो बार ट्रेंकुलाइज टीम पर झपटने की कोशिश की। पड्डे के शव फिर खाने आने को बाघ का इंतजार किया जा रहा है। ताकि शिकार खाने को आने पर उसे ट्रेंकुलाइज कर पकड़वाया जा सके।