देवनानी ने जर्मनी की संसद का किया अवलोकन
बर्लिन/जयपुर, 23 जून (एजेंसियां)। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जर्मनी की संसद के दोनों सदनों का अध्ययनात्मक अवलोकन किया।
श्री देवनानी ने जर्मनी की संसद की सन् 1945 के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की जानकारी ली। श्री देवनानी ने बताया कि जर्मनी की संसद के ऊपर बने हुए टावर को वहां के आमजन देखने आते हैं, जिसका पृष्ठ भाव यह है कि वहां की जनता को यह महसूस होता है कि सांसद जनता के सेवक हैं। उन्होंने बताया कि जर्मनी का संसद भवन वास्तुशिल्प और लोकतांत्रिक मूल्यों का अनूठा संगम है, जिसकी विशेषता कांच का गुंबद है जो पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का प्रतीक माना जाता है।
अवलोकन के दौरान संसद के वरिष्ठ अधिकारियों ने श्री देवनानी का स्वागत किया और उन्हें जर्मन संसद की आधुनिक संरचना, संसदीय समितियों की भूमिका और सांसदों की ज़िम्मेदारियों के बारे में बताया। श्री देवनानी ने बुंडेस्टाग की कार्यप्रणाली, संसद संचालन की पद्धति, समितियों की भूमिका और सांसदों के कार्य-कलापों का सूक्ष्म अध्ययन किया। उन्होंने संसद भवन के ऐतिहासिक एवं आधुनिक पहलुओं को भी समझा, जिसमें द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी में लोकतंत्र की पुनः स्थापना की प्रेरणादायक गाथा शामिल है।
श्री देवनानी का जर्मनी में इन्डो जर्मन फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने अभिनंदन किया। फाउंडेशन ने श्री देवनानी के सम्मान में भोज का आयोजन किया। इसमें जर्मनी में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे। भारत के विभिन्न राज्यों के तकनीकी विशेषज्ञों से श्री देवनानी ने तकनीकी प्रगति के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जर्मनी में बसे भारतीय भारत का गौरव है। भारत और जर्मनी के संबंध केवल व्यापारिक और कूटनीतिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और मानवतावादी हैं। प्रवासी भारतीय जर्मनी में दो सभ्यताओं के सेतु हैं। श्री देवनानी ने कहा कि भारत की आजादी की क्रांतिकारी आंदोलन से जर्मनी का सहयोग रहा है।