मुखर्जी का नारा कोई राजनीतिक नारा नहीं बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता का प्रतीक-भजनलाल
जयपुर, 23 जून (एजेंसी)। राजस्थान के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस को केवल स्मरण का नहीं, प्रेरणा का दिन बताते हुए कहा है कि डा मुखर्जी का नारा 'एक देश में दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे', वह कोई राजनीतिक नारा नहीं था बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता का प्रतीक था और भारत की आत्मा की पुकार था।
श्री शर्मा ने सोमवार को यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में डा मुखर्जी को श्रद्धाजंलि को श्रद्धांजलि के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनसंघ की स्थापना कर वैकल्पिक राजनीतिक विचारधारा को जन्म देने वाली 14 लोगों की पार्टी आज 14 करोड़ कार्यकर्ताओं का संगठन बनकर विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई।
उन्होंने कहा कि डा मुखर्जी जी ने राष्ट्रवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। “जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है” का नारा आज भी जीवंत है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया। राम मंदिर निर्माण हो या अनुच्छेद 370 का समाप्त होना, यह सब उनकी दूरदर्शी सोच और बलिदान का परिणाम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों के भारत को साकार करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। श्री मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का जो संकल्प लिया गया है, उसे हम सभी को पूरा करना होगा।”