मानसून के कारण डेंगू का खतरा बढ़ा
स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का शुरू किया अभियान
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| दक्षिण कन्नड़ में लगातार हो रही मानसूनी बारिश के कारण, मेंगलूरु सिटी कॉरपोरेशन (एमसीसी) की सीमा में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके कारण जिला स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी है| अधिकारियों ने अब निगरानी बढ़ा दी है और बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए घर-घर जाकर जागरूकता और रोकथाम अभियान शुरू किया है|
मानसून की गति बढ़ने के साथ डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं| इस साल जनवरी से अब तक दक्षिण कन्नड़ जिले में डेंगू के ७० मामले दर्ज किए गए हैं| मेंगलूरु शहरी और ग्रामीण क्षेत्र क्रमशः १५ और १६ मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर हैं| संक्रमण की रिपोर्ट करने वाले अन्य तालुकों में बेल्टांगडी (१९ मामले), बंटवाल (१०), कडाबा (५), मुल्की (३) और सुलिया (२) शामिल हैं|
उल्लेखनीय रूप से, पुत्तूर में अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है| मासिक मामलों के रुझान चिंताजनक रूप से ऊपर की ओर बढ़ते हैं| जनवरी में केवल ५ मामले दर्ज किए गए, इसके बाद फरवरी में ४, मार्च में ७ और अप्रैल में ६ मामले दर्ज किए गए| हालांकि, मई में चक्रवात के कारण हुई बारिश के बाद, संख्या बढ़कर २२ हो गई और जून में अब तक २६ मामले सामने आ चुके हैं| हालांकि पिछले साल जून के अंत तक दर्ज किए गए १८४ मामलों की तुलना में यह कम है, लेकिन इस साल लगातार हो रही वृद्धि ने चिंता पैदा कर दी है|
स्वास्थ्य विभाग ने एमसीसी की सीमा के भीतर चार पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) क्षेत्रों को डेंगू हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना है, जिसमें बिजई, लेडीहिल, शक्तिनगर और कसाबा बेंगरे शामिल है| इन क्षेत्रों पर अब विशेष निगरानी रखी जा रही है, जहां आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य निरीक्षक, सामुदायिक अधिकारी और स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारी रोजाना घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं| इसके अलावा, २५ वेनलॉक पैरामेडिकल छात्रों को १००-दिवसीय डेंगू रोकथाम अभियान पर तैनात किया गया है, जो घरों में जाकर जागरूकता फैला रहे हैं और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने में मदद कर रहे हैं| जिले के ग्रामीण इलाकों में रबर और सुपारी के बागान छिपे हुए प्रजनन हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं|
हाल ही में किए गए निरीक्षणों में रबर टैपिंग कप और गिरी हुई सुपारी की चादरों में पानी जमा होने का पता चला, जो मच्छरों के लार्वा के विकास के लिए आदर्श है| जिला स्वास्थ्य कार्यालय ने सभी ग्राम पंचायतों को परिपत्र भेजा है, जिसमें उन्हें लार्वा स्रोत में कमी लाने और मच्छरों के आवासों को खत्म करने के लिए ग्राम-स्तरीय निरीक्षण का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है|
डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है, जो दिन के उजाले के दौरान सक्रिय रहता है| यह अपने पैरों पर अलग-अलग काले और सफेद धारियों से आसानी से पहचाना जा सकता है, जिससे इसे टाइगर मच्छर उपनाम मिला है| डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है| डॉक्टर लक्षणों का इलाज करते हैं और जटिलताओं की निगरानी करते हैं| जिला वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. जैसिंथा डिसूजा ने चेतावनी देते हुए कहा पर्याप्त आराम और तरल पदार्थ का सेवन महत्वपूर्ण है| यदि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है, तो डेंगू जानलेवा हो सकता है|