सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना राष्ट्रद्रोह है

 तेलंगाना में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना राष्ट्रद्रोह है

नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील

निजामाबाद, 29 जून (एजेंसियां)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला बोला। गृह मंत्री ने कहाजब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुश्मनों को करारा जवाब दियातब भी राहुल गांधी सवाल उठाते रहे। यह हमारे जवानों के बलिदान का अपमान है। सुरक्षा बलों के पराक्रम पर सवाल उठाना राष्ट्रद्रोह है और यह देश की सुरक्षा नीति को कमजोर करने की मंशा साबित करता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, सरकार की नीति है कि हथियार वालों से कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने नक्सलियों से अपील कि वे आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में आएं। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोला जो ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाकर सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बादभारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेकते हुए सीजफायर का प्रस्ताव रखाजिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू किया।

अमित शाह ने नक्सलवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहाहमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है। जो हथियार लेकर चल रहे हैंउनसे कोई बातचीत नहीं होगी। मैं नक्सलवाद से जुड़े लोगों से अपील करता हूं कि वे हथियार छोड़ेंआत्मसमर्पण करें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि जो लोग बंदूक की राह पर चल रहे हैंवे विकास और लोकतंत्र की राह अपनाएं। सरकार उन्हें पुनर्वास का पूरा मौका देगी। पिछले कुछ वर्षों में नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और केंद्रीय बलों की सख्त कार्रवाई के चलते हिंसा की घटनाएं काफी कम हुई हैं। केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकारों के साथ मिलकर विकास कार्य और सुरक्षा उपायों को आगे बढ़ा रही है।

Read More निष्कासित ईश्वरप्पा को भाजपा में वापस लाने की मांग बढ़ी

#सेनापरविश्वास,#राष्ट्रीयअभिमान,#देशद्रोहनहीं,#IndianArmy,#Patriotism

Read More  पाकिस्तान से जुड़ा लखनऊ का हकीम गिरफ्तार