अंतरिक्ष में होगा भारत का अपना स्टेशन

प्रधानमंत्री ने इसरो और शुभांशु को सौंपी जिम्मेदारी

 अंतरिक्ष में होगा भारत का अपना स्टेशन

नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा भारत

नई दिल्ली, 29 जून (एजेंसियां)। भारत की अगली तैयारी भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की है। इस काम में शुभांशु शुक्ला के अनुभवों की मदद ली जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मौजूद शुभांशु शुक्ला को यह असाइनमेंट दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शुभांशु की यह अंतरिक्ष यात्रा गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। यह यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं रहेगीबल्कि यह विकसित भारत की यात्रा को गति देगी। भारत अब सिर्फ उड़ान नहीं भरेगाबल्कि भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा।

प्रधानमंत्री ने शुभांशु शुक्ला से इस बारे में बातचीत की और उनके अंतरिक्ष के अनुभव सुने। भारत का लक्ष्य विज्ञान और आध्यात्मिकता को समन्वित करने का है। इसी इरादे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि क्या अंतरिक्ष में मानसिक एकाग्रता और ध्यान (मेडिटेशन) के समन्वय का कोई लाभ मिल रहा है कि नहीं। शुभांशु ने कहाअंतरिक्ष में मानसिक एकाग्रता (माइंडफुलनेस) बहुत मदद करती है। लॉन्च के दौरान या तनावपूर्ण परिस्थितियों में दिमाग को शांत रखने के लिए ध्यान से बेहतर और कोई माध्यम नहीं हो सकता। इस माध्यम से दिमाग बेहतर फैसले लेने में सक्षम होता है। शुभांशु ने यह माना कि भारत की ताकत विज्ञान और आध्यात्मिकता के समन्वय में ही है, जो अंतरिक्ष में आने के बाद समझ में आती है। शुक्ला ने कहायह मिशन भारत की प्रगति की पहली सीढ़ी है। हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। 

पीएम मोदी ने शुभांशु को गगनयान मिशन, भारतीय स्पेस स्टेशन और चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री की लैंडिंग जैसे भविष्य के मिशनों के लिए होमवर्क दिया। प्रधानमंत्री ने कहाआपके अनुभव इन मिशनों के लिए बहुत कीमती होंगे। शुभांशु ने कहा, यह अनुभव गगनयान और अन्य मिशनों के लिए बहुत काम आएंगे। मुझे यकीन है कि यह सपना जल्द पूरा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत बेहद भव्य और विशाल दिखता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष में तिरंगा लहराकर उन्होंने खुद को गौरवशाली महसूस किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। शुभांशु पहले भारतीय हैंजो इस मिशन के पायलट बनकर अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से उन्हें बधाई दी और कहा, आप मातृभूमि से काफी दूर हैंलेकिन भारतीय दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ है। शुभांशु ने कहा, प्रधानमंत्री जी आपके नेतृत्व ने मेरे जैसे जाने कितने लोगों को अपना सपना सच करने का मौका दिया है। मैं इसके लिए आपका और सम्पूर्ण देशवासियों का आभारी हूं।

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शुभांशु ने बताया कि जब वे पहली बार अंतरिक्ष में पहुंचे और पृथ्वी को देखातो वह नजारा बेहद भव्य था। पृथ्वी पूरी तरह एक दिखती हैकोई बॉर्डर या सीमा रेखा नहीं। खास तौर पर भारत को अंतरिक्ष से देखने का अनुभव बहुत भावुक करने वाला है। हम नक्शे में भारत को जितना बड़ा देखते हैंअसल में वह उससे कहीं ज्यादा विशाल और गौरवशाली लगता है। अंतरिक्ष से देखने पर यह अहसास होता है कि कोई देशराज्य या सीमा नहीं हैसिर्फ मानवता है और पृथ्वी हमारा घर है। यहीं पर वसुधैव कुटुंबकम चरितार्थ होता हुआ दिखता है।

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पीएम मोदी ने शुभांशु से जीरो ग्रैविटी के बारे में और जीरो ग्रैविटी के साथ अनुकूलन के बारे में पूछा। शुभांशु ने कहा, अंतरिक्ष में सब कुछ अलग है। पिछले एक साल की ट्रेनिंग के बावजूद यहां आकर सब बदल गया। हमारे शरीर को गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटी) की आदत होती हैलेकिन यहां माइक्रो ग्रैविटी में छोटी-छोटी चीजें भी मुश्किल हो जाती हैं। अभी बात करते वक्त मैंने अपने पैर बांध रखे हैंवरना ऊपर उड़ जाऊंगा। माइक छोड़ दूं तो वो तैरने लगेगा। अंतरिक्ष में पानी पीनाचलना और सोना भी चुनौतीपूर्ण है।

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