इस बार कमान महिला के हाथ में तो नहीं!
भाजपा को जल्द ही मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
शीर्ष पर चल रहा है सीतारमण और पुरंदेश्वरी का नाम
नई दिल्ली, 04 जुलाई (एजेंसियां)। अगले कुछ दिनों में भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की है कि भाजपा किसे अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएगी। पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय नेतृत्व ने कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का ऐलान किया है और इससे पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन का रास्ता साफ हो गया है।
भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर पिछले कुछ महीनों में ढेर सारी अटकलें लग चुकी हैं। जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त हो गया था, इसलिए तब से कई बार कई नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा में आ चुके हैं लेकिन अब जो ताजा और बड़ी जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक भाजपा पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है।
जिन महिलाओं के नाम इस दौड़ में आगे चल रहे हैं उनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आंध्र प्रदेश भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी और भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन जैसे अहम चेहरे शामिल हैं। ये तीनों महिलाएं दक्षिण भारत से आती हैं।
निर्मला सीतारमण की हाल ही में मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ दिल्ली के हेडक्वार्टर में एक हाई प्रोफाइल बैठक हुई। उन्हें इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनके पास राजनीति में काम करने का लंबा अनुभव भी है। अगर सीतारमण भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनती हैं तो पार्टी को दक्षिण भारत में अपना विस्तार करने में मदद मिल सकती है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ा कानून भी बना चुकी है। निर्मला सीतारमण भारत सरकार में रक्षा मंत्री रही है, उन्हें पार्टी के संगठन के मामलों का भी काफी अनुभव है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए दूसरा नाम डी. पुरंदेश्वरी का चल रहा है। वह आंध्र प्रदेश में भाजपा की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके बारे में खास बात यह है कि वह कई भाषाएं बोलने में माहिर हैं। पुरंदेश्वरी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनियाभर के देशों को जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा थीं।
तीसरी दावेदार के रूप में वनथी श्रीनिवासन का नाम भी चल रहा है। वनथी कोयंबटूर साउथ से विधायक हैं। वह मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली हैं और राजनीति में आने से पहले वकालत के पेशे में सक्रिय थीं। वनथी 1993 में भाजपा में शामिल हुई और वह तमिलनाडु भाजपा संगठन में सचिव, महासचिव और पार्टी उपाध्यक्ष भी रही हैं। 2020 में भाजपा ने उन्हें महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और 2022 में वह भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, प्रहलाद जोशी का नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। भूपेंद्र यादव को संगठन के मामलों का काफी अनुभव है और वह भारत की राजनीति में ताकतवर ओबीसी समुदाय से आते हैं। यादव ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में भाजपा के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम किया है। ऐसे में उनका दावा भी इस पद के लिए मजबूत माना जा रहा है। इन तमाम चर्चाओं के बीच, जेपी नड्डा ने 28 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले और संघ के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ बंद कमरे में एक अहम बैठक की। यह बैठक संघ के दिल्ली कार्यालय में हुई और माना जा रहा है कि इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है।
इस बात को लेकर भी आम सहमति बनाई गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए तय किए गए नाम को लेकर अंतिम फैसला लेंगे। आरएसएस का स्टैंड है कि दूसरे दलों से आए नेताओं के बजाय पार्टी को अपने नेताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। संघ राज्यों में ऐसे नेताओं पर जोर दे रहा है जिनकी वैचारिक समझ काफी मजबूत हो।
यह लगभग तय है कि अगले दो हफ्ते में भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी 2029 के लोकसभा चुनाव और इससे पहले तमाम राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करेगी। इस बात की भी चर्चा है कि संगठन में कुछ फेरबदल होने के साथ ही कैबिनेट में भी फेरबदल हो सकते हैं।
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