नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस निर्णायक मोड़ पर

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस निर्णायक मोड़ पर

नई दिल्ली, 04 जुलाई (एजेंसियां)। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज अदालत में बहस हुई। सोनिया गांधी की ओर से कहा गया कि यह मामला कानूनी तौर पर कमजोर और असाधारण है। जबकि ईडी का दावा है कि गांधी परिवार ने धोखे से करोड़ों की सम्पत्ति पर कब्जा किया। अब अदालत यह तय करेगी कि इस मामले में आगे सुनवाई चलेगी या नहीं।

प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधीराहुल गांधीदिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबेसैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर मनी लॉन्ड्रिंग और साजिश के आरोप लगाए हैं। ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति धोखाधड़ी से हड़प ली। यह वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी। आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 90 करोड़ रुपए के ऋण के बदले एजीएल की पूरी सम्पत्ति अपने हाथ में ले ली।

ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने 3 जुलाई को कहा कि गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी के लाभार्थी मालिक हैं और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरी कंपनी पर नियंत्रण कर लिया। ईडी ने गांधी परिवार समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा) और धारा 4 (सजा से जुड़ी) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में सोनिया गांधीराहुल गांधीसुमन दुबेसैम पित्रोदासुनील भंडारीयंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। कोर्ट को यह तय करना है कि चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।

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